न्याय. 23 वर्ष बाद आया न्यायालय का फैसला
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हत्या के आरोप में चार को आजीवन कारावास
न्याय. 23 वर्ष बाद आया न्यायालय का फैसला साक्ष्य के अभाव में 19 रिहा सजा पानेवाले सभी महगामा के शहजादपुर के निवासी हैं गोड्डा : प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने सत्रवाद 163/96 में फैसला सुनाते हुए चार को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. वहीं साक्ष्य के अभाव […]
साक्ष्य के अभाव में 19 रिहा
सजा पानेवाले सभी महगामा के शहजादपुर के निवासी हैं
गोड्डा : प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने सत्रवाद 163/96 में फैसला सुनाते हुए चार को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. वहीं साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने 19 आरोपी को रिहा किया. सजा पाने वालों में महगामा थाना अंतर्गत शहजादपुर के मो. करीम, सलामत, सुट्टो व कासिम शामिल है. घटना 16 दिसंबर 1994 की सुबह आठ से नौ बजे के बीच की है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, घटना के दिन पर अचानक हल्ला हुआ. जैसे ही सूचक हल्ला पर बाहर निकला तो देखा कि 20-25 आदमी मास्केट, थ्रीनट, लाठी, भाला से लैस होकर दौड़कर आया और चुल्हाय के गुहाल में आग लगा दिया. भागने के क्रम में सूचक के भतीजा दुखन को गोली मारकर जख्मी कर दिया और घर में लूटपाट कर सामान ले गया.
जख्मी दुखन को इलाज हेतु गोड्डा अस्पताल लाया गया, जहां से बेहतर इलाज हेतु उसे भागलपुर भेजा गया था. वहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. इस मामले को लेकर घुठियानी के शेख सुलेमान ने महगामा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. 24 नामजद आरोपी में से एक शेख बसीर की मृत्यु विचारन के दरम्यिान हो गई है. न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के 10 एवं बचाव पक्ष के एक गवाहों के अभिलेख में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर उक्त फैसला सुनाया है. न्यायालय ने सजावार को जुर्माना भी लगाया है एवं जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त सजा भी भुगतने का आदेश दिया है.
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