कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं माल पहाड़िया
गांव जाने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है नसीब कोई नहीं ले रहा सुधि पोड़ैयाहाट : सरकार भले ही आदिम जनजाति पहाड़िया के लिए तरह-तरह की योजनाएं लाकर लाखों खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. पोड़ैयाहाट प्रखंड के सकरी फुलवार पंचायत अंतर्गत कुरावा कैलाशडीहा टोला है. इस गांव की […]
गांव जाने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है नसीब
कोई नहीं ले रहा सुधि
पोड़ैयाहाट : सरकार भले ही आदिम जनजाति पहाड़िया के लिए तरह-तरह की योजनाएं लाकर लाखों खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. पोड़ैयाहाट प्रखंड के सकरी फुलवार पंचायत अंतर्गत कुरावा कैलाशडीहा टोला है. इस गांव की कुल आबादी लगभग 450 है. घने जंगल के बीच बसे इस गांव में आज तक पक्की सड़क नसीब नहीं हो पाया है. गांव में जाने के लिए चार पहिया वाहन वालों को कई बार सोचना पड़ता है. आदिम जनजाति माल पहाड़िया बहुल इस गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रखा गया है. इस गांव के पहाड़िया कुएं की दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.
गांव में दो चापाकल खराब पड़ा है. खराब पड़े चापाकल को ठीक करने के लिए आज तक विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया गया है. गांव में जागरुकता की भी काफी कमी देखी जाती है. पहाड़िया इतने जागरूक नहीं कि वह प्रखंड प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक अपनी की किसी भी समस्या को रख सके. ग्रामीण अर्जुन पहाड़िया, मुन्ना पहाड़िया, पलटू पहाड़िया, अकल पहाड़िया, चीकू पहाड़िया आदि ने बताया कि हमलोगों को बरसात के दिनों में बाजार जाने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. साइकिल पार करने में भी काफी कठिनाई होती है. अगर किसी की अचानक तबीयत बिगड़ गयी तो अस्पताल ले जाने से पूर्व ही स्थिति बिगड़ सकती है. पगडंडी ही एकमात्र सहारा है. 20 वर्ष पूर्व हमलोगों को इंदिरा आवास मिला था जो काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. उससे पानी का रिसाव होता है. क्योंकि उस समय ढलाई नहीं हुआ था. टीना से छावनी किया गया था. बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत हम आदिवासी पहाड़ियों को न तो गैस चूल्हा और न ही कनेक्शन प्राप्त हुआ है. गैस सिलिंडर मिलना तो दूर की बात है गांव में लगाया गया सोलर लाइट भी खराब पड़ा हुआ है.