सूखने लगे बिचड़े, किसान चिंतित

गोड्डा : जिले के किसान की स्थिति काफी बदतर होने लगी है. बारिश नहीं होने के कारण धनरोपनी नहीं नाममात्र की हुई है. इससे जिला सुखाड़ की ओर बढ़ रहा है. तीन माह से अधिक धान के बीचड़े खेतों में डाले हो गये हैं. रोहिणी नक्षत्र से लेकर अद्रा और अब असरेश माह जो धान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2013 3:00 AM

गोड्डा : जिले के किसान की स्थिति काफी बदतर होने लगी है. बारिश नहीं होने के कारण धनरोपनी नहीं नाममात्र की हुई है. इससे जिला सुखाड़ की ओर बढ़ रहा है. तीन माह से अधिक धान के बीचड़े खेतों में डाले हो गये हैं. रोहिणी नक्षत्र से लेकर अद्रा और अब असरेश माह जो धान की खेती का मध्य स्थिति बताया जाता है, वर्षा के अभाव में कृषि कार्य बाधित है.

जून माह में औसत बारिश के बाद जुलाई माह में मात्र 65 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी है. जिले के लगभग सभी तालाब, बांध, डैम तथा नदियों के साथ वाटर रिजर्ववायर सूखा है. सावन माह तथा मॉनसून की तेज बारिश से पानी संचय वाले स्थान सूखा रहने के कारण किसानों को अपने बीचड़े को बचाने में हालत खराब हो रही है.

सूख गये बिचड़े

खेत में डाले गये धान के बिचड़े पानी के अभाव में सूख कर पटसन की तरह हो गये हैं. जिले के सभी प्रखंडों की हालत एक जैसी है. किसान इस बात से परेशान है कि अगर बारिश होती भी है, तो बिचड़े का अभाव हो जायेगा.

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