ओके::माता-पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म: साध्वी प्रेमा सखी

तस्वीर: 33 कथावाचक साध्वी प्रेमा सखी प्रवचन करती, 34 उपस्थित श्रद्धालुप्रतिनिधि, मेहरमाप्रखंड क्षेत्र के अमौर गांव में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. अयोध्या से आयी कथावाचक साध्वी प्रेमा सखी ने श्रद्धालुओं को कथा का अमृत पान कराया. इस दौरान साध्वी प्रेमा ने कहा कि बुढ़ापे में भजन नहीं होता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2015 12:04 AM

तस्वीर: 33 कथावाचक साध्वी प्रेमा सखी प्रवचन करती, 34 उपस्थित श्रद्धालुप्रतिनिधि, मेहरमाप्रखंड क्षेत्र के अमौर गांव में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. अयोध्या से आयी कथावाचक साध्वी प्रेमा सखी ने श्रद्धालुओं को कथा का अमृत पान कराया. इस दौरान साध्वी प्रेमा ने कहा कि बुढ़ापे में भजन नहीं होता है. इसलिए जब भी मौका मिले भजन करें. बुढ़ापे में राम नाम सत्य व गोविंद नाम सत्य होता है. राम के नाम से शुभ और कुछ नहीं है. कथावाचक साध्वी ने कहा कि माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. मौके पर कृष्ण कुमार, मिथलेश कुमार राम, डॉ संतोष कुमार आदि उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version