हरिपुर गरबन्ना के ग्रामीणों ने बालू घाट की बंदोवस्ती का किया विरोध, कहा

-1000 एकड़ सिंचित भूमि हो जायेगी बंजर-ग्रामीणों ने कहा बालू का उठाव जारी रहा तो खेतों तक नहीं पहुंच पायेगी पानी-खेती पर पड़ेगा असर -खेती को बचाने की लगायी गुहार-तसवीर: 07 उपायुक्त को आवेदन देकर मामले से अवगत कराते प्रतिनिधि, गोड्डासदर प्रखंड के हरिपुर व नेमोतरी के ग्रामीणों ने कझिया नदी के बालू घाट की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2015 8:04 PM

-1000 एकड़ सिंचित भूमि हो जायेगी बंजर-ग्रामीणों ने कहा बालू का उठाव जारी रहा तो खेतों तक नहीं पहुंच पायेगी पानी-खेती पर पड़ेगा असर -खेती को बचाने की लगायी गुहार-तसवीर: 07 उपायुक्त को आवेदन देकर मामले से अवगत कराते प्रतिनिधि, गोड्डासदर प्रखंड के हरिपुर व नेमोतरी के ग्रामीणों ने कझिया नदी के बालू घाट की बंदोबस्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है. ग्रामीणों ने उपायुक्त को आवेदन सौंप कर कझिया नदी से लगातार बालू के उठाव पर रोक लगाने की मांग की है. गौरतलब हो कि कझिया नदी में कन्हवारा, नेमोतरी, सरौतिया, परसा व भेड़ा बालू घाट की बंदोबस्ती की सूचना प्रकाशित की गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि चोरी छिपे बालू माफिया बालू का उठाव कर रहे हैं. जिससे लगातार नदी का जल स्तर नीचे गिर रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि सिंहवाहिनी बालू घाट में उपरोक्त गांवों के लिए दांड़ का मुहाना है. दांड़ के सहारे चार मौजा के 1000 एकड़ की भूमि तक नदी का पानी पहुंचता है. यदि बंदोबस्ती होती है तो तेजी से बालू का उठाव होगा और सिंचित भूमि को पटवन का लाभ नहीं मिलेगा. ग्रामीण नंद किशोर राउत, शिवशंकर कापरी, सुमन कुमार सिंह, नीलकंठ वैद्य, भवेश दास, मिथलेश कुमार, छेदी दास, हिमांशु कुमार आदि ने उपयुक्त से बंदोबस्ती पर रोक लगाने की मांग की है.

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