ओके::चांद की आकृति देख लोग हतप्रभ
–पूरे शहर में होती रही बात की चर्चा तस्वीर: 25 शाम में साढ़े सात बजे ली गयी चांद की आकृतिसंवाददाता, गोड्डा जिले में रविवार की शाम आकाश में चांद की आकृति देख लोग हतप्रभ रह गये. बहुत से लोग इस बात को भूकंप से जोड़ कर देख रहे थे. धीरे-धीरे यह बात पूरे शहर में […]
–पूरे शहर में होती रही बात की चर्चा तस्वीर: 25 शाम में साढ़े सात बजे ली गयी चांद की आकृतिसंवाददाता, गोड्डा जिले में रविवार की शाम आकाश में चांद की आकृति देख लोग हतप्रभ रह गये. बहुत से लोग इस बात को भूकंप से जोड़ कर देख रहे थे. धीरे-धीरे यह बात पूरे शहर में फैल गयी. लोगों के मन में बस एक ही प्रश्न था कि आखिर चांद की आकृति उल्टी क्यों है. कई लोगों ने फोन कर प्रभात खबर को इसकी सूचना दी. लोगों की जिज्ञासा को देखते हुए प्रभात खबर ने इस मामले पर भूगोल विभाग के एक्सपर्ट से आवश्यक जानकारी ली. —————————प्रत्येक हिंदी वर्ष के शुक्ल व कृष्ण पक्ष में सप्तमी एवं अष्टमी तिथि को चांद की आकृति में बदलाव होता है. इस तिथि को पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा समकोण की स्थिति में आ जाता है. धीर-धीरे यह पूर्णिमा के दिन पूरे आकार में दिखता है. और कृष्ण पक्ष की ओर बढ़ने के दौरान चांद की आकृति में कमी दिखने लगती है. यह अनोखी घटना नहीं बल्कि हर एक वर्ष वैशाख माह में चांद ऐसा ही दिखता है.- मुकेश कुमार चौधरी, जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्राप्त, भूगोल विभाग.