उच्च कक्षा में नामांकन संभव

बीइइओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम करेगी बच्ची का मूल्यांकन आर्थिक स्थिति को पढ़ाई में रुकावट का कारण नहीं बनने दिया जायेगा : डीएसइ सरैयाहाट : सरैयाहाट प्रखंड के चेराजोर गांव में रह रही नंदन प्रिया का नामांकन उच्च वर्ग में हो सकेगा. प्रभात खबर में खबर छपने के बाद दुमका जिला शिक्षा अधिक्षक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2015 7:19 AM

बीइइओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम करेगी बच्ची का मूल्यांकन

आर्थिक स्थिति को पढ़ाई में रुकावट का कारण नहीं बनने दिया जायेगा : डीएसइ

सरैयाहाट : सरैयाहाट प्रखंड के चेराजोर गांव में रह रही नंदन प्रिया का नामांकन उच्च वर्ग में हो सकेगा. प्रभात खबर में खबर छपने के बाद दुमका जिला शिक्षा अधिक्षक मसुदी टुडू ने बताया कि उक्त बच्ची का उच्च कक्षा में नामांकण हेतू आवेदन मिला है. बच्ची की योग्यता के मूल्यांकण के लिए बीइइओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमिटि गठित कर दी गयी है.

जांच-पड़ताल के बाद जिस कक्षा के लायक होगा नामांकन कर लिया जायेगा. जो भी सरकार की ओर से सुविधा दी जायेगी उसे मिलेगी. आर्थिक स्थिति पढाई में रुकावट का कारण नहीं बनेगा.

बच्ची के जन्म के बाद ही पत्नी को घर से निकाला दिया था

चेराजोर निवासी नाना विधानन्द साह ने बताया कि उक्त बच्ची नंदनी के जन्म के बाद से ही उसके पिता ने उसके मां के साथ घर से निकाल दिया. बेटी जन्म लेना पिता व उसके परिवार को अच्छा नहीं लगा. o्री साह ने बताया कि उसे चार पुत्री व तीन पुत्र है. जिसमें एक बेटी की शादी नहीं हो पायी है. खेती कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.

उचित मार्गदर्शन मिले, तो काफी आगे जायेगी : प्रधानाध्यापक

मध्य विद्यालय चोराजोर के प्रधानाध्यापक नवीन पाठक ने बताया कि नंदनी 2014 में ही मौखिक रूप से वर्ग चतुर्थ की पढाई करती थी. पढने में विशेष अभिरुचि रखती है. उसे उचित मार्गदर्शन मिलने से वह काफी आगे बढ सकती है. अभी वह दूसरी कक्षा में पढ रही है.

प्रोफेसर बन समाज सेवा करना चाहती है नंदन प्रिया

चेराजोर गांव के विधानंद साह की छह वर्षीय नतनी नंदन प्रिया पढ लिखकर प्रोफेसर बनकर समाज के लोगो की सेवा करना चाहती है. नंदन प्रिया बिहार के भागलपुर नौगछिया जिले के थाना बिहपुर थाना के भ्रमरपुर गांव की रहनेवाली है. उसकी मां की शादी 2007 में हुई थी.

वर्ष 2013 में उक्त बच्ची सहित उसके मां मीनू देवी को उसके पिता ने छोड़ दिया है. तभी से वह अपने नाना के घर में रहती है. वह कहती है कि मां को अगर मेरे पिता रख लेते हैं तो हम भी पिता के साथ रहेंगे.

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