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ओक :: प्रखंड की झमरिया नदी में पानी नहींहजारों बीघे की गेहूं की फसल को हो सकता हैै नुकसान तसवीर: 17 सुखी नदी, 18 पानी के बिना डैमठाकुरगंगटी. ठाकुरगंगटी प्रखंड के झमरिया नदी के सूखने से क्षेत्र के किसानों की समस्या बढ़ गयी है. पटवन के लिये किसानों को भारी फजीहत उठानी पड़ सकती है. […]
ओक :: प्रखंड की झमरिया नदी में पानी नहींहजारों बीघे की गेहूं की फसल को हो सकता हैै नुकसान तसवीर: 17 सुखी नदी, 18 पानी के बिना डैमठाकुरगंगटी. ठाकुरगंगटी प्रखंड के झमरिया नदी के सूखने से क्षेत्र के किसानों की समस्या बढ़ गयी है. पटवन के लिये किसानों को भारी फजीहत उठानी पड़ सकती है. बता दें कि झमरिया नदी के पानी से किसान आसानी से पटवन करते थे. पर अब नदी के सूख जाने से किसानों की चिंता गहराने लगी है. नदी से निकलने वाले प्राकृतिक दांड से भी किसान पटवन कर लेते थे. पटवन आदि कार्यों के लिये इसी नदी पर चेक डैम का निर्माण किया गया है. पर जब नदी में पानी ही नहीं है डैम का क्या काम. इस नदी से प्रखंड के मिश्रगंगटी के कई एकड़ खेत में पटवन का काम होता है. इन गांवों के कसान करते हैं पटवनझमरिया नदी से मिश्रगंगटी सहित बिहारी, मोरडीहा, चजरा, फुलवडिया, समदा व कुशमा गांव के किसान पटवन आदि के काम में लाते हैं. किसानों ने कहा धान की उपज बमुश्किल से हुयी है. पटवन के अभाव में ही धान की उपज अपेक्षाकृत कम हो पायी है. पटवन आदि की सुविधा नहीं होने से इस बार भी मारा का मुंह किसानों को देखना पड़ेगा. -सुमन मंडल, किसानपटवन के अभाव में ही क्षेत्र में आशानुरूप फसलों का उत्पादन नहीं हो पाता है. चार माह से बारिश के अभाव के कारण क्षेत्र की नदियां सुख गयी है. इस बार रबी फसल को उपजाने के लिये भारी मशक्कत करनी पड़ेगी. -गनौरी साह, किसानयदि पटवन का काम नहीं होता है तो हजारों बीघे की जमीन में लगी फसल सुख जायेगी.-भूदेव साह, किसान क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने नदी पर न तो चेक डैम बनाया और ही बियर आदि बनाये जाने के लिये को सार्थक प्रयास किया है. -चमरू साह, किसान