बलिया के किसानों का 70 बीघे खेत पानी में डूबे, बिचड़ा बर्बाद

गंगासागर पोखर से निकलने वाला सिंचाई नाला तीन वर्ष से बंद, बारिश के बाद बढ़ी परेशानी

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2024 11:26 PM
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महागामा. महागामा के गंगासागर पोखर से निकलने वाला सिंचाई नाला तीन वर्ष से बंद रहने के कारण बलिया गांव के किसानों का 70 बीघे खेत जलमग्न हो गये, जबकि लालबागीचा, महागामा व मझौनाकिता मौजा के 300 एकड़ जमीन सिंचाई सुविधा से वंचित है, जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बलिया के किसान गणेश महतो, देवेंद्र महतो, विनोद महतो, मंगल महतो, रामतू महतो, बबलू महतो, जयप्रकाश महतो, पुरंदर महतो, घनश्याम महतो, राम प्रसाद महतो, कालीचरण महतो ने बताया कि 52 बीघे में फैले गंगासागर पोखर की खुदाई 2019 में की गयी थी. इस दौरान पोखर से पानी निकासी होनेवाले तीन सिंचाई नाला व पुलिया को मिट्टी व पत्थर से बंद कर दिया गया. वहीं कई जगहों पर लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने के कारण भी पोखर से पानी की निकासी बंद हो गयी. पांच साल से डोमन किता, कठवेकोल, गंगासागर तथा मीनू खाप मौजा के 70 बीघे जमीन बारिश के दिनों में जलमग्न हो जाती है. इस दौरान खेत में लगा धान का बिचड़ा भी पूरी तरह गल गया है. ऐसे में किसानों के समक्ष खेती करने की समस्या उत्पन्न हो गयी है. किसानों ने बताया कि सिंचाई नाला की सफाई व अतिक्रमणमुक्त नहीं होने की वजह से गंगासागर तालाब का पानी बाहर नहीं निकल पाता है. इस वजह से गंगासागर पोखर का जलस्तर बढ़ने के कारण किसानों का खेत जलमग्न है. किसान परेशान है. लालबागीचा के ग्रामीण हेमंत राय, हजारी सिंह, लक्ष्मण सिंह, बधन राय, विजय कुंवर, शिव जी कुंवर, विरेंद्र ब्रह्म, अमीन कुंवर, जय हिंद राय आदि ने बताया कि सिंचाई नाला बंद रहने की वजह से महागामा मौजा, मझौनाकिता समेत आसपास के 300 एकड़ जमीन सिंचाई सुविधा से वंचित हैं. सिंचाई नाला अवरुद्ध होने के कारण पिछले तीन साल से किसानों की खरीफ व रबी की खेती चौपट हो गयी है. नाला व पुलिया की मांग को लेकर ग्रामीण कर चुके हैं जाम किसानों ने कहा कि पूर्व में लालबगीचा के ग्रामीणों द्वारा सिंचाई नाला व पुलिया निर्माण की मांग को लेकर सड़क जाम भी किया गया था. इस दौरान राजमहल परियोजना प्रबंधन द्वारा नया सिंचाई नाला व पुल बनाने का आश्वासन किसानों को दिया गया था. पर आज तक कोई कार्य नहीं किया गया. इस कारण स्थिति जस-की-तस बनी है. किसानों ने कहा कि गंगासागर पोखर के उत्तर दिशा में सैकड़ों एकड़ जमीन जहां सिंचाई सुविधा से वंचित हैं. वहीं बरसात के दिनों में दक्षिण दिशा की सैकड़ों एकड़ खेतिहर जमीन गंगा सागर पोखर के पानी से जलमग्न है. किसानों ने समस्या का समाधान जल्द करने की मांग जिला प्रशासन से की है.

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