30 छात्रों से ठगा लाखों रुपये

गोड्डा : गोड्डा में सरकांडा मुहल्ले में की एक आइटीआइ संस्थान द्वारा 30 छात्रों से लाखों रुपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. यह मामला बुधवार को छात्रों द्वारा संस्थान के प्रबंधक से राशि वापस मांगने के दौरान हंगामा करने पर समने आयी. छात्रों ने बताया कि उनलोगों ने बेहतर भविष्य बनाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2016 5:36 AM

गोड्डा : गोड्डा में सरकांडा मुहल्ले में की एक आइटीआइ संस्थान द्वारा 30 छात्रों से लाखों रुपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. यह मामला बुधवार को छात्रों द्वारा संस्थान के प्रबंधक से राशि वापस मांगने के दौरान हंगामा करने पर समने आयी. छात्रों ने बताया कि उनलोगों ने बेहतर भविष्य बनाने के लिए अच्छे आइटीआइ संस्थान में वर्ष 2015-17 के लिए फीडर व इलेस्ट्रीशियन कोर्श के लिए एडमिशन लिया था. इसके लिए हर छात्रों से 15 से 19 हजार रुपये शुल्क दिया था. सभी को रसीद दी गयी थी. लगभग 30 छात्रों ने एडमिशन लिया था.

संस्थान ने उस दौरान अपने संस्थान को एक अच्छे संस्थान से पंजीकृत होने की बात की थी और दो साल में प्रमाण पत्र के साथ छात्रवृत्ति देने की बात की थी. एक साल बीत गया, लेकिन अब तक परीक्षा नहीं लगी गयी. परीक्षा लेने के लिए संस्थान पर दवाब बनाया गया तो वे आनाकानी करने लगे. इसके बाद वे अपने आप को ठगा हुआ महसूस करने लगे.

पैसे वापस करने के लिए किया हंगामा : छात्रों ने कहा कि हमलोग बेहतर भविष्य बनाने के लिए यह कोर्श कर रहे थे. लेकिन हमलोगों का दो साल बरबाद हो गया. बुधवार को संस्थान पहुंचे और प्रबंधक से पैसे की मांग की. अनाकानी करने पर प्रीसिंपल पंचानंद चौधरी व निदेशक पवन कुमार को बंधक बना लिया. बाद में दोनों पक्षों में सहमति बनी. इसके बाद प्राचार्य को छोड़ दिया.
बगैर पंजीयन के चल रहा था संस्थान : सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार संस्थान ने बिना पंजीयन के ही छात्रों का नामांकन ले लिया था. संस्थान का रजिस्ट्रेशन कहीं नहीं था. फर्जी ढंग से संचालन किया जा रहा था. संस्थान में प्रयुक्त लैब को दिखाकर छात्रों का नामांकन कराया था. छात्रों ने परीक्षा देने के लिए संस्थान को घेरा गया तो वे फंस गये. इसके बाद ही छात्रों ने मामले को समझा तथा संस्थान पर राशि लौटाये जाने का दवाब बनाया.
दो सालों के लिए छात्रों का भविष्य हुआ बरबाद : छात्रों ने कहा कि इनलोगों का दो साल का भविष्य संस्थान बरबाद कर दिया. नामांकन के समय छात्रों ने सोचा नहीं था कि उनकी राशि नहीं डूबेगी और नहीं समय बरबाद होगा. कोर्श कर रोजगार से जुड़ेंगे, पर उनका सपना, सपना ही बन कर रह गया.

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