बैठक. पेयजल संकट की समस्या को लेकर गंभीर हुए उपायुक्त, कहा

जल संकट से निजात को बने रोड मैप जिले में गहराये पेयजल संकट पर गुरुवार को डीसी ने गंभीरता दिखाते पीएचइडी के साथ आपात बैठक की. इसमें जल संकट से निजात दिलाने व कझिया नदी के गिरते जलस्तर पर चिंता जताते पेयजल संकट से निजात दिलाने पर बल दिया गया. खराब चापानलों को तुरंत दुरुस्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 2:19 AM

जल संकट से निजात को बने रोड मैप

जिले में गहराये पेयजल संकट पर गुरुवार को डीसी ने गंभीरता दिखाते पीएचइडी के साथ आपात बैठक की. इसमें जल संकट से निजात दिलाने व कझिया नदी के गिरते जलस्तर पर चिंता जताते पेयजल संकट से निजात दिलाने पर बल दिया गया. खराब चापानलों को तुरंत दुरुस्त कराने का भी डीसी ने निर्देश दिया.
गोड्डा : शहरी समेत जिले के विभिन्न इलाकों मे पेयजल संकट की समस्या मसले पर डीसी अरविंद कुमार ने पेयजल विभाग व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ अपात बैठक की. नगर पंचायत अध्यक्ष अजीत सिंह ने पेयजल संकट से निजात दिलाये जाने की मांग को लेकर उपायुक्त श्री कुमार को अवगत कराया था.
इसको लेकर डीसी द्वारा संवेदनशीलता दिखाते हुए पेयजल संकट से निजात दिलाये जाने के लिये रोडमैप तैयार किये जाने पर बल दिया. शहरी क्षेत्र में खराब चापनलों को दुरुस्त कराये जाने समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट से निजात दिलाये जाने का निर्देश पीएचइडी को दिया. नपं अध्यक्ष द्वारा सुबह व शाम में कम से कम एक एक घंटे शहरी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति किये जाने पर बल दिया गया.
मौके पर पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार गुप्ता, नगर पंचायत के पदाधिकारी राहुल जी आनंद जी, समाज कल्याण पदाधिकारी संजय पांडेय, कामदेव रजक, इबीइ खालको आदि मौजूद थे.
कझिया के गिरते जलस्तर का उठा मसला
कझिया नदी के गिरते जलस्तर का उल्लेख पंचायत के अध्यक्ष व पदाधिकारी राहुल जी आनंद जी व पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार गुप्ता ने किया. बताया कि लगातार बालू उठाव होने से पानी का लेयर नीचे जा रहा है.बैठक में सुबह व शाम में पीएइडी कार्यालय में हुए बोरिंग से पानी उठाव के लिए बिजली आपूर्ति किये जाने पर बल दिया. कहा कि इससे शहरवासियों को जरूरत के हिसाब से पानी की आपूर्ति की जा सकती है.
वही कझिया नदी में बांध बनाये जाने का प्रस्ताव राज्य स्तर पर भेजे जाने का निर्णय बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया. ताकि भविष्य में पानी का स्टोरेज की समस्या से निजात मिल जाये.

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