कोरका गांव में प्रसव के बाद नवजात की मौत रविवार देर शाम की है घटना

पीएचसी नहीं ले जा घर में करा रही थी प्रसव आठ घंटे तक तड़पती रही प्रसूता, नहीं किया रेफर पथरगामा : सरकारी अस्पताल में सरकार के संस्थागत व सुरिक्षत प्रसव का दावा फेल साबित हो रहा है. प्रखंड के कोरका गांव में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गयी है. घटना रविवार शाम छह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2016 4:00 AM

पीएचसी नहीं ले जा घर में करा रही थी प्रसव

आठ घंटे तक तड़पती रही प्रसूता, नहीं किया रेफर
पथरगामा : सरकारी अस्पताल में सरकार के संस्थागत व सुरिक्षत प्रसव का दावा फेल साबित हो रहा है. प्रखंड के कोरका गांव में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गयी है. घटना रविवार शाम छह बजे की बतायी जा रही है. नवजात बच्चे की मौत मामले में कोरका उप स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम निहारिका कुमारी पर परिजनों ने लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
कोरका निवासी दिलीप रविदास ने बताया कि पत्नी सावित्री देवी को प्रसव पीड़ा होने पर कोरका उप स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम निहारिका कुमारी को जानकारी दी. एएनएम प्रसूता को कोरका उप स्वास्थ्य केंद्र न ले जाकर अपने कोरका आवास में ही डिलेवरी के लिए एडमिट कर लिया.
इस दौरान प्रसूता लगभग आठ घंटे तक प्रसव पीड़ा से तड़पती रही. उसने बताया कि इसके बाद एएनएम से वे बार-बार आग्रह कर रहे थे कि वे अपनी पत्नी को गोड्डा सदर अस्पताल ले जाना चाह रहे हैं. ऐसे में ममता वाहन को अविलंब बुलाया जाये. बावजूद नर्स ने उनकी एक नहीं सुनी.
अंतत: शाम छह बजे नवजात के जन्म लेने के बाद कुछ मिनटों के अंदर उसकी मौत हो गयी. दिलीप रविदास का यह आरोप है कि एएनएम के द्वारा पंद्रह सौ रुपये का डिमांड दाई को भेजकर की थी.
इधर, दिलीप रविदास ने मामले की लिखित जानकारी कोरका पंचायत की मुखिया नूतन देवी को देते हुए न्याय की गुहार लगायी है. मामले को गंभीरता से लेकर मुखिया द्वारा सिविल सर्जन, चिकित्सा प्रभारी पथरगामा व थाना प्रभारी को पत्र भेजकर मामले की जांचकर उचित कार्रवाई की जाने की मांग की है.

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