विरोध . मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को झारखंड में लागू करने की मांग

आज चिकित्सक करेंगे कार्य बहिष्कार गोड्डा : आइएमए भवन में रविवार को आइएमए व झासा के संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता की. इस दौरान आइएमए अध्यक्ष डॉ बीके भगत ने कहा कि आये दिन चिकित्सकों के साथ दुर्व्यव्यहार हो रहा है. इससे चिकित्सक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसकी रोकथाम के लिए देश के 18 राज्यों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2016 4:45 AM

आज चिकित्सक करेंगे कार्य बहिष्कार

गोड्डा : आइएमए भवन में रविवार को आइएमए व झासा के संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता की. इस दौरान आइएमए अध्यक्ष डॉ बीके भगत ने कहा कि आये दिन चिकित्सकों के साथ दुर्व्यव्यहार हो रहा है. इससे चिकित्सक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसकी रोकथाम के लिए देश के 18 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्सन एक्ट का लागू कर दिया है. लेकिन झारखंड में इस एक्ट को अब तक लागू नहीं किया गया है. इस कारण चिकित्सक कार्य करते समय असुरक्षित महसूस रक रहे हैं. इसलिए झासा व आइएमए के संयुक्त तत्वावधान में 16 मई को सभी चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार किया है. साथ ही सभी निजी क्लिनिक को बंद रखने का भी निर्णय लिया गया है.
सदर अस्पताल में रहेंगे सभी चिकित्सक : आइएमए सचिव डॉ प्रभा रानी प्रसाद ने बताया सोमवार को विरोध स्वरूप सभी चिकित्सक निजी क्लिनिक को बंद कर दिन भर सदर अस्पताल में जमे रहेंगे. अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा आपातकालीन सुविधा रोगियों को दी जायेगी.
एक्ट को झारखंड में लागू करने की मांग
सचिव डॉ प्रभा रानी ने बताया कि झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्सन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर उपायुक्त के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा गया है. इसके आलोक में सोमवार को बंदी भी सुनिश्चि की गयी है. चुनाव को देखते हुए केवल प्राइवेट क्लिनिक को बंद रखा गया है. वहीं झासा सचिव डॉ मंटू टेकरीवाल ने बताया कि बंदी को सफल बनाने के लिए केवल सभी निजी क्लिनिक ही नहीं बल्कि सभी नर्सिंग होम व जांच केंद्र को भी बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इस अवसर पर झासा अध्यक्ष डॉ प्रवीण राम, डॉ अनंत कुमार झा, डॉ डीके चौधरी आदि थे.
चिकित्सकों के साथ होता है दुर्व्यवहार
सदर अस्पताल सहित निजी क्लिनिक व प्रखंड के अस्पतालों में रोगियों के इलाज के दौरान उनके परिजनों द्वारा हमेशा चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. हाल के दिनों में निजी क्लिनिक में एक महिला चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार कर मारपीट की गयी थी. वहीं, कई बार सदर अस्पताल में इलाज के दौरान चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ भी दुर्व्यवहार का मामला प्रकाश में आ चुका है.

Next Article

Exit mobile version