गोड्डा : मकर संक्रांति पर हजारों लोग निर्झर गरम कुंड में स्नान करने पहुंचेंगे. लेकिन अब तक प्रशासन ने तालाब की साफ-सफाई को लेकर कोई पहल नहीं की. जबकि तालाब का पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है.
मालूम हो कि कुंड की सफाई लंबे अरसे से नहीं हुई है. जिस कारण पानी जहरीला हो गया है. वहीं 14 व 15 जनवरी को हजारों की संख्या में यहां सफाहोड़ समुदाय स्न्नान करने व कुल देवी-देवता की पूजा करने पहुंचेंगे.
कहां है प्राचीन तालाब
पोड़ैयाहाट प्रखंड के नवाडीह पंचायत में प्राचीन तालाब का इतिहास भी काफी पुराना है. आज के अत्याधुनिक युग में रोग से छुटकारा पाने के लिए लोगों का हुजूम यहां उमड़ता है. निर्झर तालाब का पानी कभी नहीं सुखता है. लोगों का मानना है कि तालाब को देवताओं का वरदान प्राप्त है.
चर्म रोग से मुक्ति:
तालाब के पास कुटिया में रहने वाले गुरु बाबा सुखू मुर्मू बताते है कि गरम कुंड में चर्म रोग से मुक्ति पाने के लिए लोग स्न्नान करते है. खुजली, नोचा, दाग, दिनायी जैसे रोग से यहां खत्म हो जाते है.
उपेक्षित है तालाब
जिले के इस प्राचीन धरोहर को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं है. उसके सौंदर्यीकरण को लेकर अब तक कोई पहल नहीं की गयी है. वर्षो से तालाब की सफाई नहीं होने से पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है. मकर संक्रांति पर श्रद्धालु गंदे पानी में ही डुबकी लगायेंगे.
15 को लगेगा मेला
गुरु बाबा ने बताया कि मकर संक्रांति पर स्न्नान करने के साथ पूजा शुरू होता है. 15 जनवरी को यहां बड़े पैमाने पर मेला लगेगा. मेले में बंगाल से कलाकार आते है. संताली ड्रामा व नृत्य का आयोजन रात भर होता है.