अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे ग्रामीण
प्रदर्शन . अवैध बालू उठाव के विरोध में जमनी के ग्रामीणों का आंदोलन किसानों को पटवन में हो रही समस्या ग्रामीण मांगों पर अडिग, धरना जारी गोड्डा : किसान संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार को जमनी के सिंहवाहिनी स्थान के पुल के सामने किसानों की ओर से बालू के अवैध उठाव को बंद कराने […]
प्रदर्शन . अवैध बालू उठाव के विरोध में जमनी के ग्रामीणों का आंदोलन
किसानों को पटवन में हो रही समस्या
ग्रामीण मांगों पर अडिग, धरना जारी
गोड्डा : किसान संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार को जमनी के सिंहवाहिनी स्थान के पुल के सामने किसानों की ओर से बालू के अवैध उठाव को बंद कराने के लिए मोरचा खोल दिया गया है. अनवरत बालू उठाव के विरोध में किसानों ने लामबंद होकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. पहले दिन के धरना का नेतृत्व लालचंद वैद्य ने किया. किसानों ने बताया कि पांच मौजा के किसान व मजदूर धरना को सफल बनाने को लेकर गोलबंद हुए हैं.
किसानों ने सरकार व जिला प्रशासन से एक ही मांग की है कि जमनी व आसपास के घाटों से बालू का उठाव बंद किया जाये. इस दौरान मनोज कुशवाहा, पूर्व मुखिया दीपनारायण यादव, मदन मंडल, नीलकंठ वैद्य, रवि पंजियारा, अरुण सिंह, लाल किशोर राउत, कार्तिक कापरी, निरंजन सिकदार, निपुंज यादव सहित सैकड़ों किसान व मजदूर धरना में शामिल थे.
धरना की सूचना पर ग्रामीणों को समझाने पहुंचे सीओ
किसान संघर्ष समिति के बैनर तले धरना पर बैठे किसान.
क्यों हुए किसान गोलबंद
किसानों ने बताया कि लगातार बालू का उठाव होने से पांच मौजा के किसानों के खेत में पटवन की समस्या उत्पन्न हो गयी है. बालू के लगातार उठाव के कारण नदी का स्तर नीचे हो गया है और डाढ़ का मुहान ऊपर हो गया है. इस कारण पांच मौजा हरिपुर, घाट जमनी, भेड़ा, घाट पहाड़पुर, भदराय आदि मौजा के करीब दो हजार एकड़ खेत में सिंचाई की समस्या से किसानों को जूझना पड़ रहा है.
सीओ से वार्ता विफल
धरना-प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद सदर सीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी धरना स्थल पर पहुंच कर किसानों से वार्ता कर धरना को समाप्त करने की बात कही. इस दौरान किसानों ने सीओ के समक्ष सिंचाई की समस्या को रखी. लेकिन धरना से नहीं उठे. किसानों ने कहा कि धरना की लिखित जानकारी सिविल एसडीओ को दी गयी है. इसके बाद सीओ धरना स्थल से लौट गये.
31 तक धरना-प्रदर्शन होगा
किसान संघर्ष मोरचा समिति के संस्थापक मनोज कुमार कुशवाहा ने बताया कि किसानों की जटिल समस्या सिंचाई बन चुकी है. बालू उठाव पर रोक लगाने की मांग को लेकर 31 अगस्त तक शांतिपूर्ण धरना दिया जायेगा. मांगे पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया तो एक को सभी किसान धरना स्थल पर उपवास पर बैठ जायेंगे