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महगामा में मिला कुपोषित बच्चा

सच्चाई . जिले को कुपोषण मुक्त करने का स्वास्थ्य विभाग का दावा खोखला पीड़ित शिवम की मां हारो देवी इलाज कराने पहुंची सदर अस्पताल ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने अस्पताल में किया भरती कुपोषित बच्चे की हालत बनी है गंभीर, इलाज शुरू इंतखाब आलम गोड्डा : जिला में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी नहीं आ […]

सच्चाई . जिले को कुपोषण मुक्त करने का स्वास्थ्य विभाग का दावा खोखला

पीड़ित शिवम की मां हारो देवी इलाज कराने पहुंची सदर अस्पताल
ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने अस्पताल में किया भरती
कुपोषित बच्चे की हालत बनी है गंभीर, इलाज शुरू
इंतखाब आलम
गोड्डा : जिला में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. आये दिन कुपोषण के शिकार बच्चे मिल रहें हैं. जिला को कुपोषण मुक्त करने का स्वास्थ्य विभाग का दावा खोखला साबित हो रहा है. मंगलवार महागामा के गंभरिया गांव से कुपोषित बच्चे शिवम को उसकी मां हारो देवी सदर अस्पताल में भरती कराया है. आउटडोर में ऑन ड्यूटी चिकित्सकों द्वारा बच्चे की स्थिति को देखते हुए तुरंत अस्पताल के पुरुष वार्ड में भरती कर दिया गया है. कुपोषण के शिकार बच्चे का इलाज शाम पांच बजे तक शुरू नहीं हो पाया था. ऑन ड्यूटी चिकित्सक द्वारा उसे भरती कर अस्पताल के ही शिशु रोग विशेषज्ञ को रेफर कर दिया गया है.
शिवम की मां हारो देवी ने बताया कि पर्याप्त पोषण के अभाव में तीन साल से उसका शारीरिक विकास नहीं हो पाया है. इस वजह से शिवम का शरीर कंकाल की तरह दिखता है. फिलहाल शिवम की हालत गंभीर बनी हुई है.
पुरूष वार्ड में भर्ती कुपोषित शिवम के साथ मां हारो देवी.
पिछले वर्ष कुपोषित बच्चे ठेमका की हो चुकी है मौत
पिछले वर्ष पोड़ैयाहाट के एक बच्चे ठेमका मुर्मू की कुपोषण के कारण मौत हो चुकी है. ठेमका को भी ढंग से पोषण नहीं मिल सका था. इस कारण उसका शरीर कमजोर हो गया था. गोड्डा सदर अस्पताल में भरती कराये जाने के बाद ठेमका को तत्कालिक सीएस द्वारा रांची बेहतर इलाज के लिए भेजा गया था. रांची में उसकी मौत हो गयी थी.
कुपोषित बच्चों के लिए करोड़ों की राशि हो रही खर्च
बच्चों को पोषण दिये जाने को लेकर करोड़ों की राशि प्रतिवर्ष खर्च हो रही है. आइसीडीएस की ओर से सिर्फ गोड्डा जिले के विभिन्न प्रखंडो में 1700 आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन बच्चों को पोषण दिये जाने को लेकर किया जा रहा है. इसके बावजूद कुपोषण को दूर नहीं किया जा सका है.
सदर अस्पताल में कुपोषित बच्चे शिवम को भरती किया गया है. शाम में चाइल्ड चिकित्सक से बच्चे का इलाज शुरू कराया जायेगा. बच्चे के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जायेगी.”
– मुकेश कुमार, मैनेजर, सदर अस्पताल
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