मौत की आहट महसूस कर रहा था शहादत, लेकिन…

सूचना के बाद भी सतर्क नहीं हुई कंपनी तीन घंटे में भी नहीं जगी कंपनी अपनी कुंभकरनी नींद से इसीएल ने भी धंसान को कर दिया दरकिनार अजय झा गोड्डा : कायदे व नियमों को दरकिनार कर महालक्ष्मी खनन कंपनी खदान के डीप व टॉप दोनों पर गुरुवार को काम चल रहा था. टॉप से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2016 8:37 AM
सूचना के बाद भी सतर्क नहीं हुई कंपनी
तीन घंटे में भी नहीं जगी कंपनी अपनी कुंभकरनी नींद से
इसीएल ने भी धंसान को कर दिया दरकिनार
अजय झा
गोड्डा : कायदे व नियमों को दरकिनार कर महालक्ष्मी खनन कंपनी खदान के डीप व टॉप दोनों पर गुरुवार को काम चल रहा था. टॉप से करीब 1200 फीट नीचे शाम के चार बजे थे. वहां करीब 35 डंपर, पांच पे लोडर कोयला खुदाई व ढोने के काम में लगे थे. तभी एक तरफ से अचानक गड़गड़ाहट की आवाज आयी. बगल के गांव नीमाकाला के शहादत अंसारी भी वहीं मौजूद थे. उन्होंने कहा अचानक तेज आवाज सुनाई दी तो देखा खदान की एक कोना धंस रही है. आव देखा ना ताव शहादत के साथ सभी कर्मी डंपर, हाइवा, पे लोडर लेकर भागे. उपर जब जमीन पर आये तो भी मिट्टी व पत्थरों का सरकना चालू था. अगर ऐसा नहीं होता तो मरने वालों की संख्या आज सैकड़ों में होती.
सतर्क नहीं हुई कंपनी व इसीएल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि चार बजे खदान धंसना शुरू हो गया था. इसकी सूचना कंपनी व इसीएल को भी मिल चुकी थी. फिर भी टॉप के खदान पर काम नहीं रोका गया. काम को डांप डपट कर और तेजी से करने का आदेश दिया गया. नौकरी व पेट की आग के चलते लोग भी अपने अफसरों का आदेश माना और काम में जुट गये. लेकिन रब को जो मंजूर था उसे कौन टाल सकता था. इसी काम के दौरान टॉप से पूरा खदान 1200 फीट नीचे खाई में समा गया. काम में लगे सभी कर्मी व मशीनें भी उसके साथ दफन हो गये.

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