जून में ही चेताया था निवर्तमान एसडीओ ने
जांच में पाया था मानकों की अनदेखी गोड्डा : राजमहल कोल परियोजना के मनमानी व मानकों को दरकिनार कर खनन कार्य किये जाने से ही इस तरह की घटना हुई है, इस बात को महागामा एसडीओ के पत्र में ही स्पष्ट है. महगामा के निर्वतमान एसडीओ संजय कुमार ने गत जून माह में खदान क्षेत्र […]
जांच में पाया था मानकों की अनदेखी
गोड्डा : राजमहल कोल परियोजना के मनमानी व मानकों को दरकिनार कर खनन कार्य किये जाने से ही इस तरह की घटना हुई है, इस बात को महागामा एसडीओ के पत्र में ही स्पष्ट है. महगामा के निर्वतमान एसडीओ संजय कुमार ने गत जून माह में खदान क्षेत्र का मुआयना कर खनन कार्य को देखने के बाद गंभीर बताते हुये इसीएल प्रबंधक को पत्र लिखा था. एसडीओ के पत्रांक 446 के दिनांक 10 .6.16 को अपने पत्र ममें जिक्र किया गया है कि खादान क्षेत्र में जिस तरह से कार्य संचालित है गंभीर है. पूरे सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुुये महालक्ष्मी कंपनी व अन्य कंपनी द्वारा कोयला खान कर रहा है.
श्री कुमार ने अपने पत्र में जिक्र करते बताया कि खादान का विजिट करते हुये कई खतरे को देखा है. साथ ही खान नियम व मानकों को ताख पर रखकर कराये जा रहे कार्य के लिये जिम्मेवार ठहराते हुये प्रबंधक से सैफ्टी मानकों का ब्योरा मांगा था. पत्र में इसे अनिवार्य समझते हुये तीन दिनों के अंदर पूरी रिर्पोट की मांग की गयी थी. एसडीओ श्री कुमार के पत्र को दरकिनार कर जवाव तक नहीं दिया गया. कहा था कि तीन दिनों के अंदर जवाब नहीं दिया गया तो कंपनी पर अदालती कार्रवाई की जायेगी. इस मामले में श्री कुमार ने रिमाइडर भी किया गया था. बावजूद परियोजना ने पूरे मामले को ताख पर रखकर अपने मनमानी को आगे बढ़ाता रखा. पत्र के कुछ माह बाद ही संजय कुमार का स्थानांतरण हो गया और मामला पूरी तरह से फाइलों में दब कर रह गयी. अब तक उस फाइलों को नये पदाधिकारी द्वारा खोले जाने की मांग एटक नेता रामजी साह ने किया है. श्री साह ने कहा कि पूर्व एसडीओ के पत्र से ही परियोजना के सभसी पदाधिकारी कानून के दायरे में आकर सलाखों में रहेंगें. इस मामले की जांच की मांग भी श्री साह ने किया है.