सीएचपी पर उठे सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये थे इसीएल के सीएमडी

अनसुलझी करोड़ों की राशि से बिड़ला कंपनी से खरीदी गयी थी नयी मशीन नयी मशीन से छोटे साइज के कोयले एनटीपीसी भेजने में इसीएल को अधिक देना पड़ता है भाड़ा. ऐसे में नयी मशीन की खरीद भी सवालों के घेरे में है. गोड्डा : यी मशीन से छोटे साइज के कोयले एनटीपीसी भेजने में इसीएल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2017 5:49 AM

अनसुलझी करोड़ों की राशि से बिड़ला कंपनी से खरीदी गयी थी नयी मशीन

नयी मशीन से छोटे साइज के कोयले एनटीपीसी भेजने में इसीएल को अधिक देना पड़ता है भाड़ा. ऐसे में नयी मशीन की खरीद भी सवालों के घेरे में है.
गोड्डा : यी मशीन से छोटे साइज के कोयले एनटीपीसी भेजने में इसीएल को अधिक देना पड़ता है भाड़ा. ऐसे में नयी मशीन की खरीद भी सवालों के घेरे में है.
नयी मशीन से छोटे साइज के कोयले एनटीपीसी भेजने में इसीएल को अधिक देना पड़ता है भाड़ा. ऐसे में नयी मशीन की खरीद भी सवालों के घेरे में है.
नयी मशीन से पौने एमएम साइज का तोड़ा जाता है कोयला
ढुलाई में इसीएल को होता है अतिरिक्त रुपये का नुकसान
राजमहल कोल परियोजना के ओसीपी के समक्ष बिड़ला कंपनी की करोड़ों की राशि से बनी नयी सीएचपी मशीन को लेकर पत्रकारों के सवाल का सीएमडी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये. सीएमडी आरआर मिश्रा ने 26 दिसंबर को उदघाटन किया था. ललमटिया दौरे पर उन्होंने पत्रकारों ने सवाल पर अनभिज्ञता जाहिर की. कहा कि परियोजना में पहले से बनी सीएचपी मशीन से काम लिया जाता था. मगर उस मशीन में एक एमएम साइज का कोयला निकलता था.
नयी मशीन के लग जाने से पौने एमएम साइज का कोयला तैयार कर एनटीपीसी को भेजा जाता है. श्री मिश्रा द्वारा बताये गये जानकारी के बावजूद आज भी कई सवाल अनुउत्तरित रह गये. सीएमडी द्वारा जिस नये सीएचपी का उदघाटन किया गया. उस सीएचपी से तैयार कोयला छोटे साइज का बनकर जायेगा. जानकारों का कहना है कि बिड़ला कंपनी द्वारा कोयले की ढुलाई का भी काम लिया गया है. ट्रांसपोर्टिंग के कार्य में छोटे साइज के कोयले से एनटीपीसी को ज्यादा वाहनों में भेजा जायेगा. बताया जाता है कि इस तरह की ढुलाई से बिड़ला कंपनी को लाभ दिये जाने की तैयारी है.
हालांकि सीएमडी श्री मिश्रा ने इस बात से इनकार करते कहा कि कोयले को हिटिंग के लिए नयी मशीन की आवश्कता थी. जबकि नयी मशीन की तुलना में पुरानी मशीन डेढ़ सौ मीटर तक हिटिंग का कार्य करती है. लेकिन जानकारों की मानें तो कोयला तोड़ने का काम एनटीपीसी को है. छोटे टुकड़े की ढुलाई में वाहनों की संख्या अधिक लगानी पड़ेगी. इससे इसीएल को ही नुकसान होगा.

Next Article

Exit mobile version