आरोपित देवर को आठ वर्ष का सश्रम कारावास

भाभी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय की अदालत ने सुनाया फैसला भादवि 306 व 498ए के तहत पांच व तीन वर्ष की सुनायी सजा पांच हजार जुर्माना नहीं भरने पर काटनी पड़ेगी दो माह की अतिरिक्त सजा गोड्डा : जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय आनंद प्रकाश की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2017 5:05 AM

भाभी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप

जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय की अदालत ने सुनाया फैसला
भादवि 306 व 498ए के तहत पांच व तीन वर्ष की सुनायी सजा
पांच हजार जुर्माना नहीं भरने पर काटनी पड़ेगी दो माह की अतिरिक्त सजा
गोड्डा : जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय आनंद प्रकाश की अदालत ने अपनी भाभी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का दोषी पाते हुए आरोपित देवर चंदन कुमार साह को सश्रम कारावास की सजा सुनायी. न्यायालय ने आरोपित को भादवि धारा 306 के तहत पांच वर्ष, 498ए के तहत तीन वर्ष की सजा दी. पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है. नहीं देने पर अतिरिक्त दो माह की सजा काटनी होगी. नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत सरकंडा मोहल्ले का मामला है. कैरासोल देवदांड़ के अजय प्रसाद साह ने अपनी पुत्री यशोदा की शादी आरोपित के भाई निरंजन साह से की थी. यशोदा देवी को दो बच्चे भी थे. पति लिट्टीपाड़ा में रह रहा था.
आरोपित चंदन अपनी भाभी यशोदा को शारीरिक संबंध बनाने के लिए बराबर दवाब डालता था और 50 हजार रुपये पिता से मांगने की बात कहर प्रताड़ित करता था. यशोदा ने इस बात की जानकारी अपने माता-पिता व सास-ससुर को भी दी थी. समस्या के सामाधान हेतु अजय साह आने ही वाला था कि वर्ष 2007 के 15 जुलाई को उसे अपने पुत्री यशोदा की मौत की खबर मिली. घटनास्थल सरकंडा पहुंचकर उसे पता चला कि उसकी पुत्री के साथ बराबर दुर्व्यवहार होता था तथा मरने से पहले यशोदा ने उल्टी भी की थी. अजय साह ने पुत्री यशोद की मौत को लेकर नगर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी. अनुसंधानकर्त्ता ने चंदन के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया. मामला सत्र न्यायालय में विचारनीय होने के कारण एक फरवरी 2008 को आरोपित के विरूद्ध आरोप का गठन किया गया था. अभियोजन द्वारा कुल 13 गवाहों की गवाही करायी गयी. जिस आधार पर न्यायालय ने आरोपित चंदन को दोषी पाते हुए 20 जनवरी 2016 को ही न्यायिक हिरासत में लिया था. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सजा दी गयी.

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