हॉस्टल का नाला जाम, परेशानी
आदिवासी कल्याण छात्रावास में रहने वाली छात्राआें को सता रहा संक्रमण का खतरा जिले के एक मात्र महिला कॉलेज के आदिवासी हॉस्टल की स्थिति ठीक नहीं है. हॉस्टल में स्वच्छता अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. हॉस्टल का नाला जाम हो गया है. इस कारण गंदा पानी बाहर बहता है. दुर्गंध के कारण छात्राओं […]
आदिवासी कल्याण छात्रावास में रहने वाली छात्राआें को सता रहा संक्रमण का खतरा
जिले के एक मात्र महिला कॉलेज के आदिवासी हॉस्टल की स्थिति ठीक नहीं है. हॉस्टल में स्वच्छता अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. हॉस्टल का नाला जाम हो गया है. इस कारण गंदा पानी बाहर बहता है. दुर्गंध के कारण छात्राओं को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. गंदगी के कारण छात्राओं को संक्रमण का खतरा डर सता रहा है.
गोड्डा : स्थानीय महिला कॉलेज के आदिवासी कल्याण छात्रावास की छात्राएं लगातार जल जमाव के कारण परेशान हैं. करीब सौ से भी ज्यादा हाॅस्टल में रहने वाली छात्राओं को छह माह से इसी परिस्थिति से समझौता कर रहना पड़ रहा है. पूरे हाॅस्टल के बाथरूम तथा नाला से निकलने वाला गंदा पानी हाॅस्टल के सामने जमा हो गया है. वहीं हाॅस्टल के पीछे बने शॉक पीट के खुले रहने तथा पूरी तरह से भर जाने के कारण गंदा पानी बाहर निकल रहा है. जिससे छात्राएं बदबू से परेशान हो रही है. छात्राओं को दिन-रात पानी जमाव व बदबू के कारण बेचैनी हो रही है.
क्या है स्थिति
हॉस्टल की प्रिफेकट मेरी टूडू का कहना है कि करीब छह माह पहले हॉस्टल के नाले की दीवार नाले में ही टूट कर गिर जाने की वजह से नाला अवरुद्ध हो गया है. हाॅस्टल से निकलने वाला गंदा पानी व शाॅक पीट का पानी भी हाॅस्टल के सामने जमा हो रहा है. नाला जाम रहने की वजह से छात्राएं बाहर के चापानल पर ही पानी भरकर सारा काम करती हैं. इस कारण छात्राओं को समस्या का सामना करना पड़ता है.
हॉस्टल के अंदर का चापानल भी खराब
छात्रा प्रनोति मुर्मू, मरियम टुडू, निर्मला मुर्मू, संतोषी सोरेन, रीना मालतो, सानिया मुर्मू तथा गुलाबी मुर्मू का कहना है कि हाॅसटल के अंदर का चापानल खराब है, कई बार चापानल बनाने को लेकर विभाग को पत्र लिखा गया है. मगर अब तक नहीं बन पाया है. छात्राओं ने कहा कि विभाग को फिर आवेदन दिया जा रहा है. यदि चार दिनों के अंदर व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन करने को बाध्य होंगी.