गांव में मजदूरी कर पेट पाल रहा राज्यस्तरीय नेटबॉल का खिलाड़ी
32वें सब जूनियर नेशनल नेटबॉल टूर्नामेंट में लिया था भाग पांचवें राज्यस्तरीय टूर्नामेंट में गोड्डा को दिलाया था खिताब प्रतिभा के बल पर नौकरी लेने का सपना नहीं हो सका पूरा पीपरा पंचायत के पीपरा गांव का है रहनेवाला गोड्डा : राज्य में खेल में खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल मंत्रालय तरह-तरह की […]
32वें सब जूनियर नेशनल नेटबॉल टूर्नामेंट में लिया था भाग
पांचवें राज्यस्तरीय टूर्नामेंट में गोड्डा को दिलाया था खिताब
प्रतिभा के बल पर नौकरी लेने का सपना नहीं हो सका पूरा
पीपरा पंचायत के पीपरा गांव का है रहनेवाला
गोड्डा : राज्य में खेल में खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल मंत्रालय तरह-तरह की योजनाएं चला रहीं है. सरकार के नुमाइंदे भी स्टेडियम व खेल मैदान को विकसित कर खेलों को बढ़ावा देने का वादा करते हैं. इसके इतर गोड्डा के नेटबॉल का राज्य स्तरीय खिलाड़ी दीपक टुडू दो जून की रोटी की जुगाड़ के लिए मजदूरी करने को मजबूर है. पीपरा गांव निवासी सलफु टूडू व सोनामणि बास्की का पुत्र दीपक टुडू ने हरियाणा के सोनीपत में 32वें सब जूनियर नेशनल नेटबॉल टूर्नामेंट में राज्य का प्रतिधित्व किया था. उसने पांचवें राज्यस्तरीय नेटबॉल चैंपियनशिप में अपनी प्रतिभा के बल पर गोड्डा टीम को खिताब दिलाया.
ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी को दो जून की रोटी के लिए अगर मजदूरी करना पड़े तो सिस्टम पर सवाल उठना लाजिमी है. दीपक ने बताया कि बड़ी बहन प्रियंका टुडू से खेलजगत में आने की प्रेरणा मिली थी. दो भाई शशिभूषण टुडू व विद्यासागर टुडू को भी खेलजगत में ला चुका हूं. उसकी तमन्ना है कि भाइयों के साथ एक दिन मेडल व खिताब हासिल कर राज्य व देश का नाम रौशन करेगा. ऐसे खिलाड़ियों को सरकारी सुविधाएं तो नहीं मिल रही है, साथ ही जिला प्रसाशन स्तर पर सुविधा नहीं दिया जाता है.
क्या कहते हैं खिलाड़ी
खेल की बाबत लाखों की राशि राज्य सरकार दे रही है. मगर प्रतिभाओं तक सरकार का राशि नहीं पहुंच पाता है. ‘’
– गुंजन कुमार झा, सचिव, नेटबाल संघ.
‘’प्रखंड क्षेत्रों से ऐसे खिलाड़ी निकल कर आ रहे हैं. लेकिन बड़े दु:ख के साथ कहना पड़ता है कि प्रतिभान खिलाड़ियों तक सरकार की फंड नहीं पहुंच पा रहा है. ‘’
– मोनालिसा कुमारी, राष्ट्रीय, नेटबाल खिलाड़ी.