टैंकर गांव पहुंचते ही मच जाती है अफरातफरी

पांच हजार लीटर पानी में दो दिन काम चलाते हैं एक हजार ग्रामीण बोआरीजोर : गरमी के मौसम में सबसे अधिक परेशानी इसीएल प्रभावित गांवों की है. स्थिति ऐसी है कि सुबह होते ही लोग पानी टैंकर आने का इंतजार करने लगते हैं. इसीएल का पानी टैंकर आते ही गांव में अफरातफरी मच जाती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2017 2:20 AM

पांच हजार लीटर पानी में दो दिन काम चलाते हैं एक हजार ग्रामीण

बोआरीजोर : गरमी के मौसम में सबसे अधिक परेशानी इसीएल प्रभावित गांवों की है. स्थिति ऐसी है कि सुबह होते ही लोग पानी टैंकर आने का इंतजार करने लगते हैं. इसीएल का पानी टैंकर आते ही गांव में अफरातफरी मच जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि ऐसा इसलिए होता है कि रोजाना टैंकर से पानी की आपूर्ति नहीं की जाती है. ललमटिया गांव की आबादी करीब एक हजार की है. पांच हजार लीटर पानी से दो दिन काम चलाना पड़ता है.
क्या कहते हैं ग्रामीण : ललमटिया निवासी शिवनंदन कुमार, सुनील कुमार, मजरुल अंसारी, राहुल कुमार, अमित कुमार ने बताया कि प्रत्येक दिन पानी के लिए मेहनत मशक्कत करनी पड़ती है. परियोजना प्रत्येक दिन पानी की टैंकर भी नहीं देती है. कुछ जगह पाइप लाइन बिछायी गयी है. जिसके माध्यम से कभी कभी पानी दी जाती है. ललमटिया प्रभावित गांव में पाइप लाइन से भी पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इस कारण से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
‘’पाइप लाइन द्वारा ललमटिया के कुछ जगहों पर पानी की आपूर्ति की जा रही है. जिस जगह पर पाइप नहीं बिछ पायी है. वहां भी पाइप बिछा कर आपूर्ति बहाल जायेगी. तत्काल टैंकर से पानी आपूर्ति की जा रही है.’’
-एसके झा, एरिया मैनेजर.

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