मंदिर परिसर में लड़की ने किया विरोध

बाल विवाह. अभिभावक को नाबालिग की शादी कराना पड़ा महंगा पुलिस देख भागे लड़की व लड़का पक्ष शिवपुर मंदिर में तय हुआ था शादी समारोह महिला पुलिस ने नाबालिग को किया बरामद मामला नेपुरा पंचायत के नीलकंठपुर गांव का गोड्डा : नाबालिग का विवाह कराना अभिभावक को महंगा पड़ गया. मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2017 1:29 AM

बाल विवाह. अभिभावक को नाबालिग की शादी कराना पड़ा महंगा

पुलिस देख भागे लड़की व लड़का पक्ष
शिवपुर मंदिर में तय हुआ था शादी समारोह
महिला पुलिस ने नाबालिग को किया बरामद
मामला नेपुरा पंचायत के नीलकंठपुर गांव का
गोड्डा : नाबालिग का विवाह कराना अभिभावक को महंगा पड़ गया. मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नेपुरा पंचायत के नीलकंठपुर गांव का है. नीलकंठपुर गांव की नाबालिग की शादी पथरगामा थाना क्षेत्र के बरियठा गांव के लड़के से कराया जा रहा था. शादी कार्यक्रम नगर थाना क्षेत्र के शिवपुर स्थित बाबा रत्नेश्वरधाम मंदिर था.
लड़की को मंदिर कपड़ा खरीदने के बहाने लाया गया था. यहां शादी समारोह देख लड़की आश्चर्यचकित हो गयी. उस पर शादी का दबाव बनाया गया. लड़की ने शादी से इंकार कर दिया और मंदिर परिसर में हंगामा करने लगी. लड़की के हंगामा से मंदिर में भीड़ जुट गयी. इसकी सूचना पुलिस को दी भी गयी. सूचना पर पुलिस पहुंची. वहीं पुलिस को देख लड़की व लड़का पक्ष फरार हो गया और लड़की को पुलिस ने पूछताछ के लिये रखा.
महिला पुलिस के संरक्षण में नाबालिग
सूचना पर महिला थाना प्रभारी मोनालिसा केरकेट्टा भी मंदिर पहुंची. उसने नाबालिग को आपने संरक्षण में लिया. साथ में लड़की की मां को भी थी. हंगामा देखकर लड़का व लड़की के पिता भी भाग गये. बाद में पुलिस ने परिजनों को ही पूछताछ के लिये हिरासत में लिया.
शादी को नहीं थी तैयार, विरोध के बावजूद दिया दहेज
नाबालिग ने बताया कि उसने पहले ही शादी से इंकार कर दिया था. फिर भी माता-पिता द्वारा लड़का पक्ष को दहेज के रूप में एक बाइक व नकदी दे दिये. इसके लिये वह तैयार नहीं थी. बताया कि वह मैट्रिक की परीक्षा दे चुकी है. रिजल्ट के इंतजार में है. आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहती है. कम उम्र में शादी करना नहीं चाहती है.
पहले भी सामने आ चुके कई मामले
बाल विवाह के इस मामले का तो खुलासा हो गया. लेकिन जिले में ऐसे कई मामले है जहां बाल विवाह होती है. इसका खुलासा नहीं हो पाया है. अधिकांश मामले दब जाते हैं. सदर प्रखंड के ही विशेषकर बड़ी कल्याणी पंचायत के घाट कुश्मनी गांव में बाल विवाह का मामला प्रकाश में आया था. इसको लेकर सक्षम पदाधिकारी व विभाग से संपर्क किये जाने के बाद भी मामला ज्यों का त्यों बना रह गया. कार्रवाई नहीं होने पर शादी हो गयी. पूर्व में भी बाल विवाह के कई मामले सामने आये हैं. इसको लेकर गांव में जागरूकता फैलायी गयी है. लेकिन अब भी यह सिलसिला जारी है.
जमीनी स्तर पर हो बाल विवाह रोकने का प्रयास
कायदे से देखे तो बाल विवाह का मामला प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर तक ही आकर सिमट जाता है. ग्राउंड रियलिटी नहीं के बराबर होती है. जमीनी स्तर पर कोई प्रयास प्राय: नहीं होता है. इसके रोकथाम में लगे पदाधिकारी सिर्फ प्रशिक्षण प्राप्त कर ही अपनी जिम्मेवारी निभा लेते हैं. इसके रोकथाम के लिये जिला से लेकर प्रखंड स्तर के पदाधिकारी व थाना प्रभारी खुद जिम्मेदार है. लेकिन हर कोई ऐसे मामलों से बचना चाहते हैं.

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