120 बच्चे तपती गरमी में खुले आसमान के नीचे कर रहे पढ़ाई

लापरवाही. झापनियां प्राथमिक विद्यालय का हाल पूर्व के भवन को तोड़कर नया भवन बनाने की चल रही प्रक्रिया बरसात में भी बच्चे भींगकर करेंगे पढ़ाई नौ लाख की राशि से बनाया जा रहा तीन कमरे वाला भवन कनीय अभियंता का कहना है उन्हें भवन बनाने से मतलब है, बांकी जाने विभाग बीइइओ को जानकारी नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2017 5:53 AM

लापरवाही. झापनियां प्राथमिक विद्यालय का हाल

पूर्व के भवन को तोड़कर नया भवन बनाने की चल रही प्रक्रिया
बरसात में भी बच्चे भींगकर करेंगे पढ़ाई
नौ लाख की राशि से बनाया जा रहा तीन कमरे वाला भवन
कनीय अभियंता का कहना है उन्हें भवन बनाने से मतलब है, बांकी जाने विभाग
बीइइओ को जानकारी नहीं कहा ऐसी बात है तो करेंगे टेंट की व्यवस्था
बसंतराय : बसंतराय प्रखंड के धपरा पंचायत के प्राथमिक विद्यालय झपनियां में नामांकित 120 बच्चे लगातार एक सप्ताह से खुले आसमान के नीचे जेठ की गरमी में पढ़ाई कर रहे हैं. विद्यालय में भवन निर्माण को लेकर पुराने भवन को तोड़े जाना इसका करण है. बता दें कि 2014-15 में ही नौ लाख की राशि की तीन कमरे वा भवन का निर्माण किया जना है. जमीन विवाद के कारण कार्य बाधित था. जब सुलझा तो जेठ की गरमी में स्कूल के सचिव मो नसीमउद्दीन एवं अध्यक्ष मो मंसूर ने भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया.
प्रधानाध्यापक सह सचिव नसीमउद्दीन का कहना है कि स्कूल बनाने का काम पहले होना था काफी विलंब हो गया है. काम में तेजी लायी जा रही है तब तक बच्चे बाहर बैठेंगे.
ग्रामीणों को नहीं पता, मैनेजमेंट के बगैर तोड़ा भवन
ग्रामीणों के अनुसार भवन बनाने के लिये भवन तोड़ना था तो पहले बच्चें के बैठने के लिये तात्कालिक व्यवस्था की जानी थी. टेंट या फिर फूस तथा खंभा लगाकार छांव कर पठन पाठन का काम किया जाना था. मगर ऐसा ना कर सीधे भवन को तोड़ दिया गया है.
क्या कहते हैं बच्चे
‘ सप्ताह भर से काम प्रारंभ है. गरमी में बाहर बैठ रहे हैं ”
तोकीर आलम , पांचवीं कक्षा
” शिक्षक का कहना है कि कष्ट नहीं करोगें तो पढ़ायी नहीं हो पायेगी. ”
फातिमा , पांचवीं कक्षा
” अपने अभिभावक से बताया है कि गरमी व धूप से परेशानी हो रही है. ”
सीकत प्रवीण , चतुर्थ कक्षा
” अब सभी बच्चे स्कूल ही आना छोड़ देंगे. गरमी में पढ़ायी खुले में करना मुश्किल है. ”
– अब्दुल कलाम , पांचवीं कक्षा
” जानकारी नहीं थी. आज मिली है. टेंट की व्यवस्था की जायेगी.”
– मेसरा मुर्मू , बीइइओ
तीन माह लगेगा समय
जेइ अरविंद गौरव के अनुसार अगर सचिव द्वारा पूरी तरह से सहयोग किया गया तो तीन माह का समय लगेगा. जबकि इस बीच गरमी के बाद सीधे बरसात प्रारंभ होगा. बरसात में बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी और परेशानी बन सकती है. अरविंद कुमार ने भवन बनाने से पहले बच्चों के बैठने की व्यवस्था नहीं की गयी. जेइ का कहना था कि उसे केवल भवन बनाना है बांकी काम विभाग का है.

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