34 पंचायतों में 603 चापानल खराब

सूखने लगे कंठ, कैसे बुझेगी प्यास इंतेखाब आलम गोड्डा : गरमी के दस्तकके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या से ग्रामीणों को जूझना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में चापानल ही पेयजल का मुख्य साधन है, लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में बहुत से चापानल खराब पड़े हैं. ऐसा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2014 4:27 AM

सूखने लगे कंठ, कैसे बुझेगी प्यास

इंतेखाब आलम

गोड्डा : गरमी के दस्तकके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या से ग्रामीणों को जूझना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में चापानल ही पेयजल का मुख्य साधन है, लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में बहुत से चापानल खराब पड़े हैं. ऐसा नहीं है कि इन चापानलों को ठीक कराने के लिए फंड नहीं है. पर्याप्त फंड रहने के बावजूद भी इन चापानलों की मरम्मती नहीं हो सकी है. विभाग की ओर से ग्रामीण एवं पेयजल स्वच्छता समिति के खाते में चापानल मरम्मती के लिए फंड भेजी जाती है.

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