आदिवासी कुड़मी समाज जिला संयोजक समिति की ओर से कुड़मी समुदाय की मातृभाषा कुड़माली में प्राथमिक स्तर पर पढ़ाई लिखायी सुविधा प्रदान कराये जाने को लेकर गुरुवार को समिति ने जिला शिक्षा अधीक्षक गोड्डा को एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड राज्य के संथाल परगना प्रमंडल अंतर्गत गोड्डा जिला के लगभग सभी प्रखंडों में कुड़मी समुदाय काफी संख्या में निवास करते हैं, जिनकी स्वायत्त कबिला वाची मातृभाषा कुड़माली है. कहा है कि अन्य जनजातीय भाषा की तरह कुड़माली भाषा का नामकरण भी कुड़मी जनजाति समुदाय के नाम पर ही हुआ है. कहा गया है कि झारखंड सरकार स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय) के आलोक में सभी प्राथमिक विद्यालयों में वर्ग एक से पांच तक के छात्र-छात्राओं का भाषा सर्वे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा करायी जा रही है. इसमें कुड़मी समुदाय के बच्चों की मातृभाषा कुड़माली है. लेकिन प्रधानाध्यापकों द्वारा खोरठा, बंगला, अंगिका, भोजपुरी आदि भाषा सर्वे लिस्ट में भरकर संबंधित पदाधिकारियों को जमा कर दिये गये हैं, जो कुड़मी समुदाय के बच्चों एवं उनकी मातृभाषा कुड़माली को कुचलने की कुचेष्टा की जा रही है. वहीं सर्वेक्षण के उपरांत उक्त भाषा की पढ़ाई संचालित होगी. ज्ञापन में कहा गया है कि कुड़माली भाषा में पढ़ाई की सुविधा मिलने पर इस क्षेत्र के संबंधित छात्र-छात्राएं शुद्ध कुड़माली सीख सकेंगे, जिससे मातृभाषा के साथ-साथ इससे जुड़ी विशिष्ट संस्कृति और परंपरा को भी जीवंत और संरक्षित रखा जा सकेगा. इस मौके पर जिला संयोजक विनोद बंसरिआर, पूर्व जिला उपाध्यक्ष जयप्रकाश बंसरिआर, महिला इकाई से पूर्व जिला कोषाध्यक्ष चंचला महतो, दयालता महतो, आकुस जिला संयोजक समिति सदस्य मदन महतो आदि मौजूद थे.
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