आरएसएस की ओर से विजयादशमी पर किया गया शस्त्र पूजन
अधर्म तभी बलशाली होगा, जब शस्त्र और शास्त्र दोनों कमजोर पड़ेंगे
महागामा के राजेंद्र स्टेडियम में आरएसएस द्वारा विजयादशमी को लेकर शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान मां दुर्गा का पूजन किया गया. शस्त्र पूजन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल आरएसएस देवघर विभाग के सह विभाग कार्यवाह शशि जी ने बताया कि विजयादशमी उत्सव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह उत्सवों में से एक है. कहा कि मनुष्यता और धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों की आवश्यकता होती है. हमारी सत्य सनातन परंपरा ही परित्राणाय च साधुनाम, विनाशाय च दुष्कृताम का उद्घोष करती है. अधर्म तभी बलशाली होगा, जब शस्त्र और शास्त्र दोनों कमजोर पड़ेंगे. इसलिए इनकी नित्य साधना आवश्यक है. भगवान राम ने अधर्म के प्रतीक रावण के विनाश के लिए शक्ति की उपासना की थी. कहा कि देश हित में राष्ट्र के रक्षा की जिम्मेदारी संगठन से जुड़े स्वयं सेवियों को लेनी चाहिए. अधर्म पर धर्म की विजय के कारण ही हमें विजयादशमी पर्व मनाने का अवसर प्राप्त हुआ है इसलिए संघ अपनी स्थापना दिवस पर शस्त्र की उपासना कर उसी गौरवशाली परंपरा की याद दिलाते हुए हिंदू समाज को संगठित और शक्तिशाली बनाने का प्रयास करता है. शस्त्र पूजन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवा भारती, स्वदेशी जागरण मंच, विद्या भारती, भाजपा, संस्कार भारती के कार्यकर्ता कार्यक्रम में शामिल हुए.
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