तस्वीर-37 कथा वाचन करते भागवत शरण जी महाराज, 38 उपस्थित श्रद्धालु महागामा. महादेव बथान में आयोजित श्री श्री 108 श्रीमद् भागवत कथा महाज्ञान यज्ञ का समापन विश्व शांति एवं सर्व कल्याण की कामना के साथ हुआ. कथा के दौरान वृंदावन के संत भागवत शरण जी महाराज ने सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया. वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार से दूर रहकर सुंदर समाज निर्माण के लिए लोगों को प्रेरित किया. अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण की रासलीला, मथुरा गमन, कंस वध,रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर भक्त जनों को भक्ति रस में डुबो दिया. भजन गायकों द्वारा प्रस्तुत एक से बढ़कर एक संगीतमय भक्ति भजन पर श्रद्धालु भक्ति भाव में झूम उठे. कथावाचक ने लोगों को भागवत से मिली सीख को जीवन में उतारने की नसीहत देते हुए कहा कि आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त करने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़ कर सत्कर्म करना चाहिए. श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है. कथावाचक ने कहा कि परमात्मा परम सत्य है. संसार की कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं है. कथा समापन के बाद श्रद्धालुओं ने हवन आहूति पूजन किया. महाप्रसाद का वितरण किया गया. आयोजन में कमेटी के अध्यक्ष जनहर साह, सचिव कुंदन साह, कोषाध्यक्ष हेमंत साह, विजय कुमार,सोनू तुरी, संजय, अर्जुन ठाकुर, विष्णु साह, अरुण टुडू आदि मौजूद थे.
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