कोलकाता में धूम मचा रहा भगैया की सिल्क साड़ी, दुर्गा पूजा को लेकर बढ़ गया है डिमांड

गोड्डा के सिल्क गांव में साड़ी की खरीदारी के लिए बंगाल से आ रहे कारोबारी

By Prabhat Khabar News Desk | October 1, 2024 11:14 PM

गोड्डा का सिल्क गांव के रूप में ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी पहचान बनाने वाला ठाकुरगंगटी प्रखंड का भगैया गांव सुर्खियों में है. हालांकि भगैया को सिल्क गांव के रूप में पूरी तरह से स्थापित करने का काम गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने किया है. करोडों की राशि खर्च कर भगैया गांव में रेशम वस्त्र बुनकरी व उद्योग को बढ़ावा देने का काम डॉ श्री दुबे ने किया है. उनके पद्वारा मेगा कलस्टर केंद्र देश के लोगों को आकर्षित करने का करने का काम किया है. हालांकि फिलहाल भगैया के सिल्क की खूब चर्चा के साथ खरीदारी भी हो रही है. खासतौर पर आने वाले दुर्गा पूजा को लेकर भगैया के सिल्क की साड़ी बंगाल के कोलकाता में अपनी धाक जमा रखा है. महिलाओं की खरीदारी में पहली पसंद के रूप में सिल्क की साड़ी को लेकर बंगाल से आकर व्यापारी व स्थानीय भगैया के व्यापारी थाेक में साड़ी के अलावा सूट व अन्य सामग्री बंगाल ले जा रहे हैं. कोलकाता में साड़ियों को दशहरा पूजा के दौरान महिलाएं खूब पसंद कर रही हैं. मध्य से लेकर उच्च आय वाले घर की महिलाओं की पसंद सिल्क साड़ी व युवतियों की पसंद सिल्क के सूट तथा दुपट्टा है. सिल्क में कई तरह के रंगों के अलावा खास कर सफेद में पिंक पाड़ वाली साड़ी तथा टेस लाल व गुलाबी साड़ियां भी सुहागिनों की प्रतीक के रूप में खरीदी जा रही है. ऐसे साड़ियों की कीमत सामान्य तौर पर तीन से लेकर 40 से 50 हजार तक आ रही है.

सिल्क साड़ी की खूब हो रही बिक्री, करोड़ो का हो रहा व्यापारकोलकाता से दुर्गा पूजा के समय व्यापारी के साथ-साथ ग्राहक भी सिल्क साड़ी की खरीदारी करने आते हैं. पूजा के समय बंगाल में भगैया के नाम को रौशन करते हैं. बंगाल की महिलाएं यहां की प्रिंट की गयी साड़ी को खूब पसंद करती है. भगैया के सिल्क व्यवसाई विष्णु राम, अखिलेश जायसवाल, ब्रह्मदेव राम, देवकांत राम का कहना है कि सिल्क के मामले में भगैया मशहूर है. बुनाई व फिनिसिंग भी साथ-साथ की जा रही है. साड़ी को वर्तमान समय में बाजार को देखते हुए आकर्षक डिजाइन के साथ तैयार किया जाता है. दुर्गा पूजा के समय सिल्क साड़ी की डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि परिवार के साथ बंगाल से चलकर बड़े पैमाने पर खरीदारी करते हैं. इससे यहां के कारोबारी करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं. विष्णु राम ने बताया कि सिल्क साड़ियों में स्क्रीन प्रिंट, टेंपल डिजाइन, तसर बॉर्डर साड़ी, मधुबनी पेंटिंग के साथ-साथ कुर्ती, दुपट्टा भी भगैया में तैयार किया जा रहा है, जो डिजिटल प्रिंट में भी तैयार हो रही है.

डॉ निशिकांत दुबे की देन से सुलभ हुआ बाजार :

श्री राम का कहना है कि पिछले तीन माह पूर्व सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने मिर्जाचौकी में कोलकाता जाने वाली कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेन को रुकने का परमिशन दिलाया. साथ ही भगैया में रेलवे आरक्षण केंद्र के खुल जाने से भी बड़ी संख्या में यहां के व्यापारी को केवल कोलकाता ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से आने-जाने में आराम हो रहा है. इससे बाजार भी बढ़ा है.

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