ललमटिया केबिन के पास फरक्का एनटीपीसी एमजीआर रेलवे लाइन के ठेका मजदूरों का दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा. इससे राजमहल कोल परियोजना से फरक्का एनटीपीसी कोयला ढुलाई दूसरे दिन भी पूरी तरह से बाधित रही. दो दिनों में एनटीपीसी को छह रैक कोयला नहीं जा सका. लगभग 19200 टन कोयले की ढलाई नहीं हो सकी, जिससे एनटीपीसी को लगभग पांच करोड़ का नुकसान हुआ है. संथाल परगना औद्योगिक मजदूर संघ के बैनर तले रेलवे लाइन पर लाल झंडा लगाकर धरना प्रदर्शन करते हुए ठेका मजदूरों ने अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान मजदूर संघ के सचिव राम जी साह, उपसचिव सोनाराम मड़ैया ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन एवं एनटीपीसी के ठेकेदार मजदूर के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं, जबकि मजदूर के कठोर मेहनत से रेलवे लाइन सुरक्षित रहती है. मजदूरों के परिश्रम से ही एनटीपीसी सुचारू रूप से कोयला ढुलाई करती है.
मजदूरों को जनवरी 2024 से एरियर का नहीं किया गया है भुगतान
प्रबंधन एवं ठेकेदार द्वारा मजदूरों को जनवरी 2024 से एरियर भुगतान नहीं किया गया है और नया वेतनमान भी मजदूरों को नहीं दिया जा रहा है. पीएफ की कटौती राशि का हिसाब ठेकेदार द्वारा मजदूरों को नहीं बताया जा रहा है. कई मजदूरों को अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी गयी है. मजदूरों की मांग पूरा नहीं होने के कारण मजदूर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रबंधन सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. एनटीपीसी पदाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि मजदूर से धरना प्रदर्शन समाप्त करने के लिए वार्ता की कोशिश की जा रही है. जल्द ही धरना प्रदर्शन समाप्त होगा. मौके पर लोहा सिंह, अरुण साह, दिलीप हांसदा, बिहारी मरांडी, जुगल सोरेन, रामका मुर्मू आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है