गोड्डा जिले के पथरगामा में चैती दुर्गा पूजा के उपलक्ष्य पर प्रखंड के चिहारो पहाड़ स्थित चैती दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रहे रामकथा से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. अयोध्या धाम से पधारे आचार्य पवन जी महाराज के मुखारविंद से रामकथा की गंगा में श्रद्धालु भक्तजन गोता लगा रहे हैं. रामकथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालुगण कथा स्थल पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु भक्तजन जनमानस कथा में शामिल होकर कथा श्रवण कर रहे हैं. बुधवार की रात्रि रामकथा के प्रवचन के दौरान आचार्य पवन जी महाराज ने कहा कि अपने प्रारब्ध में जो लिखा होता है, उसे एक जन्म दो जन्म तीन जन्म नहीं अनगिनत जन्मों के बाद भी भोगना पड़ता है. इस बात में कोई संदेह नहीं है. उन्होंने प्रसंग को सुनाते हुए माता सती और भगवान शिव के पावन चरित्र से भक्तों को परिचय कराया. कहा कि जब रावण द्वारा माता जानकी का हरण किया गया था और माता जानकी को खोजते हुए भगवान राम जंगल व पर्वतों के रास्तों पर भटक रहे थे. उस समय भगवान शिव ने प्रभु राम को प्रणाम किया. उस प्रणाम से माता सती के मन में संदेह उत्पन्न हुआ और उस संदेह को मिटाने के लिए उन्होंने भगवान की परीक्षा ली और स्वयं सीता जी का रूप धारण करके भगवान के समीप गयी. लेकिन भगवान तो सब कुछ जानते हैं. भगवान उनको पहचान गये. कहा कि मनुष्य को सदैव अच्छे कर्म करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य अपने द्वारा किये गये कर्मों का फल ही भोगते हैं. अच्छे कर्म का परिणाम हमेशा अच्छा होता है, जबकि बुरे कर्म का परिणाम बुरा ही भोगना पड़ता है. मौके पर चैती दुर्गा पूजा समिति अध्यक्ष संतोष कुमार महतो, उपाध्यक्ष सिकंदर यादव समेत समिति के तमाम सदस्यगण आयोजन की सफलता में जुटे हुए हैं. चैती दुर्गा पूजा समिति अध्यक्ष संतोष कुमार महतो द्वारा बताया गया कि रामकथा 17 अप्रैल तक चलेगा.
अच्छे-बुरे कर्मों को भोगना पड़ता है : आचार्य पवन जी
रामकथा की गंगा में श्रद्धालु भक्तजन लगा रहे हैं गोता
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