शराबी व जुआरियों का अड्डा बन गया है वन विभाग का आवासीय कॉलोनी
विभागीय लापरवाही के कारण पौधा भी नहीं हो पा रहा सुरक्षित
ललमटिया में वन विभाग की ओर से लाखों रुपये की लागत से वनरक्षी एवं वनपाल का आवासीय कॉलोनी लगभग सात वर्ष पूर्व बनाया गया था. लकड़ी तस्करी को रोकना एवं पौधों की सुरक्षा करना इसका मुख्य उद्देश्य था. इस आवासीय कॉलोनी के पीछे शहरपुर का वन क्षेत्र फैला हुआ है. सैकड़ों एकड़ की भूमि पर विभाग द्वारा पौधे लगाये गये हैं. आवासीय कॉलोनी में किसी भी व्यक्ति के नहीं रहने के कारण कॉलोनी की स्थिति जर्जर हो गयी है. साथ ही आवासीय कॉलोनी शराबी एवं जुआरी का अड्डा बन गया है. वन विभाग के कर्मियों के नहीं रहने पर वहां चोरी-छिपे वनों की कटाई हो रही है. वन विभाग के सभी कर्मी सुदूर क्षेत्र को छोड़कर ऊर्जा नगर के आवासीय कॉलोनी में निवास करते हैं. वन क्षेत्र में जाना पसंद नहीं करते हैं, जिससे वनों की क्षति हो रही है. इससे तस्करी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष लाखों पौधे लगाये जाते हैं, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण पौधा सुरक्षित नहीं हो रहा है. पूर्व जिला परिषद सदस्य रामजी साह ने बताया कि आवासीय कॉलोनी ललमटिया में बनाया गया है. विभाग के लोगों को आवासीय कॉलोनी में रहना चाहिए, ताकि भवन भी सुरक्षित के साथ-साथ वनों का देखभाल एवं लकड़ी तस्करी को रोका जा सकता है. भवन बनाने में सरकार का पैसा लगा है. इसका उपयोग होना आवश्यक है.‘आवासीय कॉलोनी में पानी की समस्या है. इस समस्या को जल्द ठीक कर आवासीय कॉलोनी में विभाग के लोग रहना शुरू कर देंगे.
संजय कुमार, रेंजरB
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