पोड़ैयाहाट प्रखंड मुख्यालय के मुख्य चौराहे के समीप प्रभात खबर की ओर से पाठक संवाद का आयोजन किया गया. इस दौरान ‘सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता से ही लोगों को पहुंच सकता है लाभ’ विषय पर वक्ताओं ने अपनी बातों को रखा. कार्यक्रम की अध्यक्षता कृष्णदेव दत्ता ने किया. संवाद के दौरान रोजगार, मजदूरों के पलायन और शिक्षा व्यवस्था जैसी समस्याओं पर लोगों ने खुलकर अपनी बातों को रखा. संवाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने बताया कि प्रखंड में बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. रोजगार के पर्याप्त अवसर न होने के कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं. पलायन की वजह से मजदूरों को सरकार की ओर से प्रदत योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. रोजगार सृजन के लिए योजनाओं की आवश्यकता है, ताकि पलायन पर रोक लगे. सरकार रोजगार सृजन के लिए मनरेगा व अन्य योजनाओं के माध्यम से मजदूर वर्ग के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. परंतु मजदूरी भुगतान में देरी होने के कारण मजदूर उन योजनाओं से स्वयं को किनारा कर रहे हैं. साथ ही छोटे उद्योगों की स्थापना होनी चाहिये. लोगों को रोजगार का नया अवसर मिल सकता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था भी गंभीर संकट से गुजर रही है. विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. कई स्कूलों में एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई हो रही है. इसका कारण है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना मुश्किल हो गया है. समस्या विशेष रूप से सरकारी स्कूलों में ज्यादा है, जहां शिक्षक और विद्यार्थियों के अनुपात में भारी अंतर है. संवाद के दौरान कई गांवों में सड़क, बिजली, स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव सामने आया. स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया गया. कार्यक्रम का संचालन रवि ठाकुर ने किया.
लोगों ने कहा-
‘मनरेगा में मजदूरी देरी से मिलने की वजह से पलायन बढ़ रहा है. समाधान के लिए तुरंत कदम उठाने होंगे, ताकि स्थानीय लोग यहां रहकर काम कर सकें.
-कृष्णदेव दत्ता, स्थानीय
‘स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए उद्योगों की स्थापना और कौशल विकास प्रशिक्षण जरूरी है, ताकि युवा अपनी जमीन पर काम कर सकेंगे और पलायन रुकेगा.
-मुन्ना भगत, स्थानीय
‘शिक्षा व्यवस्था में खामियां चिंताजनक है. विद्यालयों में शिक्षक और संसाधनों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है. इसलिए इसमें सुधार की जरूरत है.
-रूपेश कुमार, स्थानीय
‘लगातार कई माह से मनरेगा में लोगों को ना तो जॉब मिल पा रहा है और ना ही भुगतान हो रहा है. इस वजह से मजदूर बाहर जा रहे है. कई लोगों की जान भी चली जाती है.
-विनय कुमार, स्थानीय
‘सरकारी स्कूलों में शिक्षक व छात्रों का अनुपात असंतुलित है. इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रहा है. इस पर जिम्मेवार लोगों को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
-यासीन अंसारी, ग्रामीण
‘मनरेगा जैसी योजनाएं चल रही है, जिसमें सिर्फ लूट है. पारदर्शिता के अभाव में सभी इस दलाली व्यवस्था के सागिर्द बने हैं. रोजगार के अभाव में पलायन को विवश है.
-सुंदरलाल मोची
‘मनरेगा योजनाओं में लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. इसमें काम कर रहे लोगों को कई साल से मजदूरी का भुगतान नहीं होने के कारण लोग किनारे लग रहे हैं.
-पवन कुमारB
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