राजमहल कोल परियोजना क्षेत्र में बुधवार के सुबह से लगातार बारिश होने से परियोजना क्षेत्र के विभिन्न भाग में चल रहा कोयला खनन कार्य एवं मिट्टी कटाई का कार्य पूरी तरह से बंद हो गया है. परियोजना में 40 हजार टन कोयला उत्पादन नहीं हो सका और मिट्टी कटाई भी पूरी तरह से बंद हो गयी. सुबह 9 बजे के बाद परियोजना क्षेत्र में वर्षा का प्रभाव दिखने लगा. कोयला उत्पादन नहीं होने से परियोजना को लगभग 5 करोड़ का नुकसान हुआ है. खनन क्षेत्र के हॉल रोड में वर्षा होने से फिसलन हो जाने के कारण गाड़ी के आवागमन में कठिनाई हो गयी. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गाड़ी का परिचालन भी बंद किया गया. वर्तमान वित्तीय वर्ष में परियोजना को 15 मिलियन टन कोयला का उत्पादन करना है, अभी तक परियोजना लगभग 8 मिलियन टन कोयला का उत्पादन कर चुका है. 8 मिलियन टन कोयला का डिस्पैच फरक्का एनटीपीसी एवं कहलगांव एनटीपीसी को किया गया है.
वर्षा होने से कोयला का डिस्पैच भी प्रभावित :
वर्षा होने से कोयला का डिस्पैच भी प्रभावित हुआ है. सुबह से मात्र आठ रैक कोयले का डिस्पैच हुआ है, जिसमें सात रैक कहलगांव एनटीपीसी एवं 1 रैक फरक्का एनटीपीसी को डिस्पैच हुआ है. वर्षा होने से परियोजना के अधीनस्थ हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है. कोयला खनन एवं कोयला ढुलाई कार्य भी बाधित हुआ है. इस क्षेत्र से कोयला सड़क मार्ग से ट्रक द्वारा राजमहल परियोजना जाता है.40 हजार टन कोयले का नहीं हो सका उत्पादन :
परियोजना के प्रोजेक्ट ऑफिसर सतीश मुरारी ने बताया कि वर्षा के कारण 40 हजार टन कोयले का उत्पादन नहीं हो सका है. वर्तमान समय में परियोजना प्रतिदिन 40 हजार टन कोयला का उत्पादन करती है. लगभग पांच करोड़ का नुकसान हुआ है. वर्षा खत्म होने के बाद हॉल रोड से फिसलन हटाया जाएगा एवं कोयला खनन का कार्य सुचारू रूप से शुरू की जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है