राजमहल कोल परियोजना के तालझारी, बसडीहा, लोहांडिया, डीप माइंस क्षेत्र, बीएलएस साइड के साथ-साथ हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र का निरीक्षण इसीएल के तकनीकी निर्देशक नीलाद्री राय ने किया. इस दौरान उन्होंने सभी खनन क्षेत्र का बारीकी से निरीक्षण करते हुए कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखकर कोयले का उत्पादन एवं डिस्पैच करें. राजमहल परियोजना एवं हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र में 17 मिलियन टन कोयला का उत्पादन करना है. अपने लक्ष्य को परियोजना सभी के सहयोग से अवश्य पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि इसीएल का कोयला उत्पादन राजमहल परियोजना पर अत्यधिक निर्भर रहता है. यह परियोजना बड़ी परियोजना है. निर्देशक ने हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में प्राइवेट कंपनी मोंटे कार्लो कार्य करती है. कंपनी प्रबंध को निर्देश देते हुए कहा कि खनन क्षेत्र का विस्तार के साथ-साथ सुरक्षा पर अवश्य ध्यान दे.
रैयत को विश्वास में लेकर खनन एवं डिस्पैच का करें कार्य
रैयत को विश्वास में लेकर खनन एवं डिस्पैच का कार्य करें. पुनर्वास स्थल कद्दू टोला का निरीक्षण करते हुए कहा कि पुनर्वास कार्य में तेजी लायें एवं पुनर्वास स्थल पर सभी तरह का मूलभूत सुविधा उपलब्ध करें. निर्देशक ने ऊर्जा नगर के राजमहल हाउस में परियोजना के वरीय पदाधिकारी एवं प्राइवेट कंपनी के पदाधिकारी के साथ समीक्षात्मक बैठक की एवं सभी विभाग के पदाधिकारी से परियोजना के स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की. निदेशक ने कहा कि परियोजना का विस्तार आवश्यक है. इसमें जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण का सहयोग आवश्यक है. उन्होंने पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि कोयला उत्पादन के साथ साथ क्षेत्र का विकास में भी अपना योगदान देना है. इस दौरान परियोजना के महा प्रबंधक प्रभारी ए एन नायक ने निदेशक को गुलदस्ता देकर सम्मानित किया. मौके पर पदाधिकारी दिनेश शर्मा, सतीश मुरारी, डीके वर्मा, संजय कुमार, एसके सुरक्षित, संजीव कुमार आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है