तीन दिनों की बारिश से नदियों में दिखी धार, धनरोपनी शुरू

जुलाई में कम बारिश से खेती पर मंडराने लगा था संकट, मायूस थे किसान

By Prabhat Khabar News Desk | August 3, 2024 11:40 PM

बसंतराय. प्रखंड क्षेत्र में अगस्त में मानसून मानसून की मेहरबानी से किसानों के चहरे खिल गये हैं. तीन दिनों की बारिश के बाद सूखी नदियों में धार दिखने लगी है. धनरोपनी कार्य तेजी से चल रहा है. जुलाई में कम बारिश होने के कारण खेती पर संकट मंडराने लगा था. किसानों में मायूसी छा गयी थी. किसान पंप सेट के सहारे धान का बिचड़ा को बचा रहे थे. बारिश के बाद किसान अपने खेतों में हल-बैल व ट्रैक्टर से धनरोपनी के लिए खेत तैयार करने में जुट गये हैं. किसान अपनी मेहनत को सफल बनाने में लगे हैं. प्रखंड क्षेत्र में जुलाई माह में मात्र 20% ही धनरोपनी कार्य हो पाया था. गेरुआ नदी के सीमावर्ती क्षेत्र में किसान जल संकट से जूझ रहे थे. बारिश कम होने के कारण गेरुआ नदी का जलस्तर गिरने के कारण भी सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों को खेती करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था. बारिश के बाद गेरु नदी में आयी जान, भर गया पानी हनवारा. जिले के बिहार से सटे हनवारा के नजदीक सबसे लंबी व बड़ी नदी गेरुआ में लगातार बारिश की वजह से पानी का बहाव देखने को मिल रहा है. महीनों के बाद गेरूआ में पानी के बहाव देखकर किसान खुश हैं. बताया गया कि गेरुआ में दो दिन पहले तक लोग पानी की लकीर ढूंढ रहे थे. सावन में नदी की हालत देखकर किसानों का चेहरा भी सूख रहा था. लोग सुखाड़ के भय से परेशान थे. मगर अचानक मानसून के गतिशील हो जाने की वजह से किसानों के चेहरे पर खुशी लौटी है. बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिले, रोपनी कार्य में जुटे किसान पोड़ैयाहाट. झमाझम बारिश से क्षेत्र के किसानों में खुशी है. किसान धनरोनी कार्य में जुट गये हैं. पोड़ैयाहाट, डांडे, पसई , सकरी फुलवार तथा आसपास के क्षेत्र में जगह-जगह धान की रोपनी में किसान जुटे हुए हैं. खेतों की जुताई व मेड़बंदी का काम चहुंओर दिखाई देने लगा है. किसानों ने बताया कि समय से धान की रोपाई पर ही पूरे वर्ष की खेती निर्भर रहती है. लिहाजा रोपाई पिछड़ने का भय सता रहा था. अब बारिश से कृषि कार्य जोर पकड़ लिया है. किसानों में चहल-पहल बढ़ गयी है. किसान कुदाल के साथ खेतों पर अपनी उपस्थिति मौजूद करवा रहे हैं. किसानों का कहना है कि समय पर बारिश नहीं होने की वजह से रोपनी नहीं हो पाती है. इसका असर फसल पर पड़ता है. बताया कि किसान 15 अगस्त तक धान की रोपाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. वहीं मकई व मूंग की फसल को भी बारिश में फायदा पहुंचा है.

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