17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दो वर्ष पूर्व करीब आठ करोड़ राशि से बने इंजीनियरिंग कॉलेज भवन में अब तक शुरू नहीं हुई पढ़ाई

सांसद डॉ निशिकांत दुबे की कड़ी मेहनत से पोड़ैयाहाट में बनाया गया इंजीनियरिंग कॉलेज

बड़े-बड़े भवन का निर्माण कर यूं ही बेकार छोड़ दिया जाना ही जिले की नियती बन गयी है. ऐसे दर्जनों भवन हैं, जिसे करोड़ो की लागत से बनाया गया है, जो आतज बेकार स्थिति में है. ऐसे भवन का रंग भी फिका होने लगा है. सबसे अधिक राशि शिक्षा व तकनीकी संस्थानों के भवन निर्माण में की गयी है, जिसमें आइटीआइ, नर्सिंग स्कूल, छात्रावास से लेकर कई अन्य भवन हैं, जिस पर अब तक सरकार की नजरें इनायत नहीं हो सकी है. जिस भवन की चर्चा की जा रही है वह पोड़ैयाहाट के चतरा गांव में बना इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन है. इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण को लेकर गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे के 2019 में लगातार प्रयास के बाद कार्य सरजमीं पर उतारा गया. भवन के बनाने का काम करीब आठ करोड़ की राशि की गयी. डॉ दुबे की ओर से क्षेत्र के सुदुर में रहने वाले छात्रों को तकनीकी व उच्च शिक्षा के माध्यम से रोजगार के अवसर दिये जाने को लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन की आधारशिला रखी गयी थी. भवन के दो वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो जाने के बाद लोगों के बीच उम्मीद जगी थी कि सरकार की ओर से अब स्थानीय छात्रों को इंजीनियरिंग की शिक्षा मिल सकेगी. मगर दो वर्षों के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर पहल नहीं किये जाने की वजह से आम लोगों में राज्य सरकार के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से पढ़ाई आरंभ किये जाने को लेकर पहल की बात कही गयी है, मगर धरातल पर साफ तौर से कोरा कागज साबित हो रहा है. कॉलेज में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसइ) – कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (इसीइ)-इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार, मैकेनिकल इंजीनियरिंग (एमइ)-मशीनरी और यांत्रिकी, सिविल इंजीनियरिंग (सीइ)-भवन निर्माण और सिविल कार्यों की, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (इइ)-विद्युत ऊर्जा और इलेक्ट्रिकल सिस्टम, मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग-धातु विज्ञान और धातु उत्पादन, एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग-विमान और अंतरिक्ष यान की, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग-वाहन और ऑटोमोबाइल की, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग-चिकित्सा उपकरण और जैविक प्रणालियों की, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइटी)-सूचना प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर की, टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग-दूरसंचार और संचार प्रणाली की, बायोकेमिकल इंजीनियरिंग-जैविक रसायन और जैविक प्रणालियों की, एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग-पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण की, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग-तेल और गैस से संबंधित, आर्किटेक्चर-भवन डिजाइन और निर्माण से संबंधित.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें