झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा झारखंड इकाई के आह्वान पर 11 सितंबर को झारखंड बंद करने का निर्णय लिया गया है. बंद करने की सफलता को लेकर पूर्व संध्या पर शाम के वक्त मशाल जुलूस निकाला गया. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मार्चा के केंद्रीय संयोजक ऋषितोष झा काबूल ने कहा कि यह कार्यक्रम सूबे के सभी जिला में आयोजित किया जाएगा. झारखंड राज्य गठन के 24 वर्षों बाद भी राज्य अलग करने में अहम योगदान देने वाले आंदाेलनकारियों को सम्मान सहित अन्य मांगों को लेकर जूझना पड़ रहा है. सूबे में झारखंड मुक्ति माेर्चा का ही शासन है. कई बार घोषणाएं तो की जाती है, लेकिन उस पर अमल अब तक नहीं हुआ है. अब आंदोलन करने की जरूरत है. इनकी मांगों को सभी आंदोलनकारियों को जेल की बाध्यता समाप्त करते हुए कम से कम 50 हजार रुपये मासिक पेंशन देने, झारखंड आंदोलनकारियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ-साथ मेडिकल, यात्रा सहित मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराना शामिल है. मशाल जुलूस में दर्जनों आंदोलनकारी शामिल थे.
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