किसानों को सिंचाई की सुविधा मिली, तो आय हो जायेगी दोगुनी

‘सिंचाई सुविधा का हो समाधान, ढोलिया नदी में बने श्रृंखलाबद्ध चेक डैम’ विषय पर किसानों ने रखी राय

By Prabhat Khabar News Desk | January 15, 2025 11:15 PM

मेहरमा में प्रभात खबर की ओर से संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मेहरमा पंचायत भवन में संवाद कार्यक्रम में ‘सिंचाई सुविधा का हो समाधान, ढोलिया नदी में बने श्रृंखलाबद्ध चेक डैम’ विषय पर क्षेत्र के किसानों ने अपनी बातें रखी. संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी आस्तिक मिश्रा ने किया. किसान उमेश पासवान, प्रवेश पासवान, विवेका शंकर, अमीन मुर्मू, सुधांशु कुमार, सौरभ कुमार, शिवालक कुमार, प्रीतिचंद्र पासवान, पिंकू कुमार आदि शामिल हुए. इस दौरान किसान पूरी तरह से अपनी सिंचाई की चिंता से ग्रसित दिखे. लोगों का कहना था कि क्षेत्र की सबसे बड़ी व गहरी नदी ढोलिया है. इस नदी में बरसात के दिनों में पानी का बहाव तेज होता है. नदी के किनारे किसानों की हजारों एकड़ जमीन वैसे भी सालों भर सिंचित हाेती है, क्योंकि इसमें पानी भी जमा रहता है. मगर दुख की बात है कि वर्षों से स्थानीय किसान ढाेलिया नदी में श्रृंखलाबद्ध चेक डैम के निर्माण की मांग कर रहे हैं. मेहरमा के डोय व सुढ़नी गांव के पास ढोलिया नदी में श्रृंखलाबद्ध चेक डैम का निर्माण किया जाये, ताे फिर किसानों की सिंचाई की परेशानी दूर हो जायेगी. प्रखंड क्षेत्र में लगभग सभी बड़े तालाब भी हैं, जो समय पर सूख जाता है. सिंचाई के लिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. अगर ऐसे डैम का निर्माण कर दिया जाये, तो हजारों एकड़ जमीन सिंचित हो जायेगी. इससे मेहरमा ही नहीं, बल्कि सीमा पर सटे ठाकुरगंगटी प्रखंड के किसान रबी व व सब्जी की खेती कर दोगुना मुनाफा कमा पायेंगे और किसान खुशहाल बन सकते हैं. किसान जनप्रतिनिधि खासकर मंत्री से भी इस मांग को रखते हुए अपनी बातों पर बल दिया है. संवाद का संचालन प्रतिनिधि नवनीत कुमार ने किया.

क्या कहा किसानों ने

धान की खेती के बाद रबी फसल की बारी आती है. इसमें किसान भगवान भरोसे हो जाते हैं. जैसे-तैसे तालाब व जोरिया में बचे पानी का इस्तेमाल कर खेतों को सिंचित करते हैं. डैम बन जाने से निश्चित तौर पर किसान बेहतर खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे.

-आस्तिक मिश्रा, ग्रामीण

समय पर बारिश नहीं होने से किसान धान की खेती बेहतर तरिके से नहीं कर पाते हैं. किसानों को धान के अलावा रबी फसल भी गंवाना पड़ता है. अगर चेक डैम के प्रति सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधि सजग होकर काम करें, तो सालो भर किसानों को लाभ मिल सकेगा.

-शिवबालक कुमार, मुखिया प्रतिनिधि, मेहरमा

धान की खरीदारी में मेहरमा प्रखंड के पैक्स को सबसे अधिक टार्गेट दिया जाता है. रबी फसल की भी उपज काफी होती है. सब्जी की खेती में मेहरमा का जिले में कोई जोर नहीं है. मगर किसानों को सिंचाई में बड़ी परेशानी होती है. अगर चेक डैम बनाया जाये तो खुशहाली आयेगी.

-अमीन मुर्मू, पूर्व मुखिया

क्षेत्र के किसानों को बेहतर सिंचाई नहीं मिलने पाने की वजह से प्रतिवर्ष लाखों का नुकसान होता है. अगर जनप्रतिनिधियों द्वारा सिंचाई पर काम किया गया, तो क्षेत्र के किसान स्वयं आर्थिक रूप से मजबूत हो जायेंगे. मगर किसानों की इस मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

-प्रवेश पासवान, ग्रामीण

सरकार मनरेगा से कूप निर्माण व तालाब खुदाई में खर्च करती है. अगर उस पैसे से चेक डैम का निर्माण करा दिया जाये, तो किसान खुशहाल होंगे. किसान बेहतर खेती करते हैं, मगर बारिश कम होने के कारण किसानों का हाथ-पांव फूलने लगता है. चेक डैम की मांग जायज है.

– विवेका शंकर,किसान

प्रखंड क्षेत्र धान, सब्जी व आम के मामले में अव्वल है. जैसे-तैसे सिंचाई करके किसान अपनी क्षमता का प्रर्दशन करते हैं. अगर किसानों को बेहतर सिंचाई की व्यवस्था मिल जाये, तो किसान किसी के सहारे नहीं बल्कि सभी को सहारा देने का काम करेंगे. इससे उन्नति भी होगी.–

सौरभ कुमार, छात्र नेता

सिंचाई में प्रखंड क्षेत्र के किसान भगवान भरोसे रहते हैं. सिंचाई नहीं रहने से पहली प्राथमिकता वाली खेती छोड़कर अन्य काम में लग जाते हैं. ऐसे हालत में किसानों को उनके अनुसार फायदा नहीं मिलने पर दूसरे साल कर्ज लेकर फिर खेती करते हैं. सिंचाई व्यवस्था जरूरी है.

– पिंकू कुमार, ग्रामीण

जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन द्वारा आज तक किसानों की मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है. इसके कारण किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. जबकि अन्य दूसरी मांगें पूरी हो रही है. दूसरे मामले में खासकर ठेका-पट्टा से जुड़े लोगों को काफी फायदा है.

-प्रीतिचंद्र पासवान, ग्रामीणB

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