अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत गोड्डा रेलवे स्टेशन पर एक्सीलेटर बनकर तैयार
गोड्डा स्टेशन का किया जा रहा है सौंदर्यीकरण, प्लेटफार्म चार के समीप बनाया जा रहा है लिफ्ट
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत गोड्डा रेलवे स्टेशन पर योजनाओं को अंतिम रूप देने का काम कमोबेश पूरा किया जा रहा है. मालदा रेल मंडल के गोड्डा स्टेशन का कायाकल्प इसी योजना के तहत किया जा रहा है. इसके तहत यात्रियों को राहत पहुंचाने के लिए एक्सीलेटर का निर्माण, एफओबी सहित लिफ्ट की सुविधाएं भी मुहैया करायी जा रही है. इसके अलावा स्टेशन के दोनों ओर से विभिन्न ट्रेनों के समय सारिणी को प्रेजेंट करने के लिए कंप्यूराइज़्ड डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया गया है. बोर्ड को तो चालू भी कर दिया गया है. वहीं यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर एक पर जाने के लिए एक्सीलेटर का भी निर्माण कर दिया गया है, जो चालू होने की प्रतीक्षा में है. इसके अलावा स्टेशन पर यात्रियों के लिए वीआइपी वेटिंग रूम बनाया गया है, जो कमोबेश बनकर तैयार है. स्टेशन में चारो ओर बेहतरीन लाइट लगाया गया है, जिससे रात में स्टेशन का लुक बेहतर हो जाएगा. बीते डेढ़ साल से सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है. स्टेशन के सामने का पूरे भाग का नयापन लुक दिया गया है. पार्किंग आदि में बदलाव की गयी है. इस योजना के तहत दो फेज में काम को पूरा किया जाना है. पहले फेज में 15 करोड़ की लागत से योजनाएं पूरी की जा रही है, जबकि दूसरे फेज में 20 करोड़ की लागत से योजनाओं को मूर्त रूप दिया रहा है. इससे आने वाले दिनों में गोड्डा रेलवे स्टेशन का लुक बेहतर हो जाएगा. पूरी तरह से कार्य संपन्न होने के बाद गोड्डा स्टेशन की खूबसूरती देखते ही बनेगी.
गोड्डा सांसद के प्रयास से अमृत भारत स्टेशन के निर्माण को मिली है मंजूरी
वास्तव में गोड्डा रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन का दर्जा देने के लिए गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने प्रयास किया. उनके प्रयास से बहुत कम समय में इस स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के निर्माण कार्य के लिए चुना गया. इसका उदघाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने रेलवे के ऑनलाइन शिलान्यास कार्यक्रम में किया है. मालूम हो कि गोड्डा रेल की शुरूआत वर्ष 2021 में की गयी. स्टेशन बनकर तैयार होने के साथ ही ट्रेन के परिचालन की अनुमति सांसद ने अपने प्रयास से दिलायी. फलत: पहली रेलगाडी गोड्डा से हमसफर के रूप में वर्ष 2021 में गोड्डा से दिल्ली के लिए दौड़ई. तब से लेकर आज तक गोड्डा रेलवे ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. कई नयी रेलगाडियोँ का परिचालन बई सांसद के प्रयास से ही संभव हो सका. आज दिल्ली, प्रयागराज, लखनऊ, मुंबई, रांची, पटना, कोलकाता जैसे महत्वपूर्ण शहरों की कनेक्टिविटी गोड्डा से संभव हो सकी है. लोग इन ट्रेनों में भर कर बड़े महानगर की यात्रा कर रहे हैं. रोजाना जिले के हजारों लोग रेलवे से सफर करते हैं. इसमें लोगों के किराये में बचत होती है. लोगों की निर्भरता बसों पर कम हुई है. जिले की बड़ी व जरूरतमंद आबादी को इससे फायदा मिला है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है