बिना उपयोग ही जर्जर होने लगा परसा डिग्री कॉलेज के 30 कमरों का हाॅस्टल

कल्याण विभाग ने 2007 में 80 लाख से बनाया था दो मंजिला भवन, 300 छात्रों के रहने की हुई थी व्यवस्था, नहीं मिला लाभ

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2024 11:51 PM
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हनवारा. महागामा प्रखंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर हनवारा के पास मिल्लत कॉलेज परसा के अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास पर सटीक बैठती है. वर्ष 2007 में 85 लाख की लागत से कल्याण विभाग के द्वारा बनाये गये दो मंजिले छात्रावास में आज तक छात्रों को रहना नसीब नहीं हो पाया. दुखद बात है कि सुदूर क्षेत्र में मात्र एक ऐसे डिग्री कॉलेज है, जहां सबसे ज्यादा आबादी अल्पसंख्यकों की है. ऐसे छात्रों को रहने के लिए बनाये गये छात्रावास की राशि पूरी तरह से बर्बाद गयी है. संवेदक के द्वारा आधा-अधूरा छात्रावास बनाकर यू ही छोड़ दिये जाने व कॉलेज प्रशासन को कल्याण विभाग से हैंडओवर नहीं करने का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. आज दो मंजिले छात्रावास की छत गिर गयी है. जर्जर भवन के खिड़की व दरवाजे गायब हैं. बिना उपयोग के ही खंडहर हो गये भवन को लेकर अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि व पदाधिकारियों ने सुधि नहीं ली है. अब तक हजारों छात्रों को मिल जाता लाभ कल्याण विभाग द्वारा निर्मित छात्रावास के निर्माण के बाद से ही छात्रावास की उपयोगिता को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं. अगर 20 सालों में छात्रावास का उपयोग छात्रों द्वारा की जाती तो अब तक हजारों की संख्या में छात्र छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर जाते. छात्रावास का उपयोग नहीं होने से खिड़की-दरवाजा चोर उचक्कों द्वारा तोड़ कर ले जाया गया है. भवन असामाजिक तत्वों का अड्डा बना है. फिलहाल छात्रावास पशुओं के चारा का गोदाम बन गया है. अभी सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से आनेवाले छात्रों को परेशानी होती है. निजी वाहन या किराये का भुगतान कर घर से आवाजाही करते हैं. भवन की उपयोगिता को लेकर उठने लगे सवाल मिल्लत कॉलेज परसा के गरीब बच्चों को रहकर पढ़ाई करने के उद्देश्य दो मंजिला छात्रावास का निर्माण 85 लाख की लागत से किया गया था. दो मंजिले भवन में 30 कमरे हैं. छात्रावास का संचालन सही ढंग से होता, तो इसमें करीब 300 सौ छात्र एक साथ रहकर पढ़ाई करते. उच्च शिक्षा ग्रहण कर पाते छात्रावास का उपयोग नहीं होने की वजह से इतनी बड़ी राशि खर्च करने की उपयोगिता सवालों में है. छात्र अजय शुमार, मिथुन कुमार आदि ने कहा कि काॅलेज में छात्रावास को लेकर युवाओं व छात्रों में काफी खुशी है. अगर सरकार एक बार फिर से छात्रावास का जीर्णोद्धार कर छात्राओं को रहने के लायक बना दें, तो परेशानी खत्म हो जाती. कॉलेज में महागामा के साथ बिहार के भी सैकड़ों छात्र-छात्राएं पढ़ने आती है. इस कॉलेज में सरकारी व्यवस्था रहने की वजह से छात्रों को कल्याण विभाग की ओर से गरीब छात्रों को सारी सुविधा मिलती. कोट महगामा प्रखंड का मात्र एक डिग्री कॉलेज मिल्लत कॉलेज परसा के अल्पसंख्यक छात्रावास कल्याण विभाग से किया किया गया था. छात्रावास में बिजली, बेड, बाउंड्री वाल से लेकर पेयजल आदि की व्यवस्था संवेदक को ही करना था. मगर हॉस्टल के बन जाने के बाद से अब तक कल्याण विभाग की ओर से कॉलेज को हेंडओवर ही नहीं किया गया.15 से 17 वर्ष पूर्व बने छात्रावास को लेकर उनके द्वारा पिछले समय में जिला कल्याण अधिकारी को कई बार लिखित व मौखिक रूप से जानकारी दी गयी. मगर आज तक छात्रावास नहीं मिल पाया है.,- -प्रो डॉ तुषारकांत, प्राचार्य, मिल्लत कॉलेज परसा –

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