महागामा में बीती रात शरारती तत्वों की वजह से चार दुकानों को नुकसान पहुंचा है. हालांकि यह दुकानें बड़ी नहीं थी, मगर सभी दुकान चलाने वाले लोगों के लिए दो वक्त की रोटी का सबसे बड़ा साधन था. हर दिन उसी दुकान की कमाई से उनका घर चल रहा था, जिसे बचा पाने में ईसीएल के दमकल ने तत्परता नहीं दिखायी. दमकल को समय पर सूचना दिये जाने के बावजूद करीब दो घंटे बाद महागामा बाजार पहुंचा, मगर इस बीच चारों दुकान जलकर राख में तब्दील हो गया. राजमहल कोल परियोजना के कार्यालय ललमटिया से दमकल को महागामा आने में महज कुछ मिनट के समय को भी पूरा नहीं कर पायी और ऐसे दुकान के जलने से नुकसान हुआ है.
ऊर्जानगर कॉलोनी में है बड़ी आबादी का निवास
राजमहल कोल परियोजना के रिहायशी कॉलोनी में शामिल ऊर्जानगर कॉलोनी में बड़ी तादाद में लोग रहते हैं. ऐसे में कॉलोनी के समीप ही दमकल के रखे जाने की व्यवस्था होनी थी, ताकि उक्त क्षेत्र में किसी तरह के आगजनी व अनहोनी होने पर बिना बिलंब किये आग पर काबू पाया जा सकता था. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि परियोजना स्थानीय लोगों की समस्या पर जरा भी ध्यान नहीं दे रही है. करोड़ों का मुनाफा कमाने वाले ऐसे कोल परियोजना क्षेत्र के लोगों की छोटी सी परेशानी पर भी खरा नहीं उतर पायी, जबकि सीएसआर के तहत आसपास 40 किमी क्षेत्र के लोगों को दमकल के माध्यम से आग लगने पर बुझाने का दायित्व परियोजना को ही है. रात की घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश है. स्थानीय भाजपा नेता पप्पू ठाकुर, कांग्रेस नेता अभिनव सिंह, नीरज चौरसिया आदि का कहना है कि परियोजना अगर समय पर दमकल को भेजती, तो कुछ दुकानें बच जाती. कहा कि महागामा में इस तरह की घटना पर अविलंब संज्ञान नहीं लिया जाना प्रबंधन की उपेक्षा व मनमानी को दर्शाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है