गोड्डा जिले में इस साल जनवरी से लेकर नवंबर महीने तक अकेले सड़क दुर्घटना में 72 लोगो की मौत हो गयी है. केवल अक्टूबर माह तक ही 67 लोगों की जान चली गयी. वहीं नवंबर से लेकर अब तक दिसंबर महीने में आधा दर्जन लोगों की मौत हो गयी है. देखा जाये तो जिले में औसतन प्रति माह 6-7 लोगों की मौत हो रही है. यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि चिंतित करने वाला भी है. अधिकांश घटनाएं बाइक सवार के साथ हुई है. घटना के कई कारण हैं, जिसमें तेज रफ्तार में बाइक चलाना, हाइवा के धक्के आदि कई मामले हैं. साल के जनवरी माह में ही सड़क दुर्घटना में आठ लोगों की जान चली गयी थी. इसके अलावा अप्रैल, मई, जून व अक्टूबर के महीने में भी आधे दर्जन से अधिक लोगों की मौत केवल रोड एक्सीडेंट में हुई है. इसके अलावा कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका उपचार बाहर में किया जा रहा है. सरकारी रिपोर्ट में 100 के समीप सड़क दुर्घटना के मामले हैं.
गोड्डा सदर अस्पताल में हर दिन आते हैं दो-तीन मामले
वहीं वास्तविकता में हर दिन औसतन सड़क दुर्घटना के केवल गोड्डा सदर अस्पताल में दो से तीन मामले जरूर आते हैं. इसके अलावा दूसरे प्रखंडों में भी आता ही होगा. यह केवल सरकारी आंकड़ा है. वास्तव में सड़क दुर्घटना में मौत का आंकड़ा ज्यादा है. इसलिए कि सरकारी आंकड़ों में कई मिसिंग भी रहता है. कई का सड़क दुर्घटना में पोस्टमॉर्टम आदि नहीं कराते हैं. ऐसे में केस आदि नहीं बनता है और न ही इसको रिकॉर्ड किया जाता है. इधर सात दिनों में ही आधे दर्जन लोगों की मौत हो गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है