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Jharkhand News: महिलाओं की सुरक्षा बेहतर नहीं रहने के कारण हालात दर्दनाक, अपराधियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से मिले तुरंत फांसी की सजा

पथरगामा के परसपानी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध विषय पर पाठक संवाद का आयोजन, बोलीं महिलाएं

Jharkhand News: महिला सुरक्षा के मुद्दे पर प्रभात खबर की ओर से पथरगामा के परसपानी के जेएसएलपीएस के संजीवनी आजीविका संसाधन प्रशिक्षण केंद्र में पाठक संवाद आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ सदस्य रंभा कुमारी ने किया. संजीवनी आजीविका संसाधन प्रशिक्षण केंद्र परसपानी की महिला सदस्यों ने ‘महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध’ के ऊपर अपने-अपने विचार व्यक्त किये. कहा कि भारत में महिलाओं की सुरक्षा बड़ा मुद्दा बन गया है. देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर में वृद्धि हुई है. महिलाएं अपने घरों से बाहर निकलने से पहले सुरक्षा की चिंता करतीं हैं. खासकर रात के समय तो चिंता और गहरी हो जाती है. भारत में महिलाओं को पुरुषों के बराबर का अधिकार दिया गया है

देश के विकास में महिलाएं भी योगदान देती हैं. फिर भी वे डर के साये में जी रही हैं. महिलाएं देश में सम्मानित पदों पर हैं. इसके बावजूद समय-समय पर महिलाओं के साथ आपराधिक घटनाएं होती रहती है. जिस तरह से हाल में कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया, यह ज्वलंत उदाहरण है. महिलाओं की सुरक्षा बेहतर नहीं रहने के कारण काफी दर्दनाक हालात से गुजर रही हैं. खासकर ऐसे देश में जहां महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है. देश के कई हिस्सों में एसिड अटैक बहुत आम बात होती जा रही है. अपराधी पीड़ित के चेहरे पर एसिड फेंककर उनकी जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद कर देता है. भारत में एसिड अटैक से पीड़ित कई महिलाएं हैं, जो अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही हैं. इसके अलावा, घरेलू हिंसा और ऑनर किलिंग के भी मामले में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.

दूसरी तरफ कन्या भ्रूण हत्या भी एक आम अपराध बन चुका है. प्रतिगामी सोच की वजह से लोग बेटियों को जन्म से पहले ही मार देते हैं. इसके अलावा अपराधों में बाल विवाह, बाल शोषण, बलात्कार, दहेज हत्या, तस्करी का भी मामला एक गंभीर मुद्दा बन चुका है. महिलाओं ने महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने पर कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. सबसे पहले, सरकार को सख्त कानून बनाने चाहिए, जिससे अपराधियों को तुरंत सजा मिल सके. इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने चाहिए, ताकि पीड़िता को जल्द न्याय मिल पाये. हालात ऐसी बना दी जाये कि अपराधियों को दोबारा अपराध करने के लिए सोचना पड़े. पुरुषों को बचपन से ही महिलाओं का सम्मान करना सिखाया जाना चाहिये, ताकि नजरिया सम्मान का हो और अत्याचार या अपराध का जगह ही नहीं ले पाये. अत्याचार,

अपराध का सोच खत्म हो जाये, तो अपराध स्वतः समाप्त हो जायेगा. महिलाओं के खिलाफ अपराध हमारे देश के विकास में बाधक साबित हो रहा है. महिलाओं के खिलाफ अपराध का ग्राफ घटाने के लिए महिलाओं को आत्मरक्षा के तरीके सिखाने की जरूरत है. अपराधों से संबंधित कानूनों को और अधिक कठोर बनाया जाना चाहिये. संवाद कार्यक्रम में सोनामणि देवी, सीता देवी, रतनी देवी, पूनम देवी, लगनी मोसमात, पावती देवी, करुणा देवी, यशोदा देवी, मधु देवी, दीपप्रिया देवी समेत दर्जनों महिलाएं मौजूद थीं. कार्यक्रम का संचालन प्रतिनिधि शशांक विक्रम ने किया.

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