राजाभीठा में 80 वर्षों से होती आ रही काली पूजा, दो दिन लगेगा मेला
राजाभीठा में 80 वर्षों से होती आ रही काली पूजा, दो दिन लगेगा मेला
बोआरीजोर. प्रखंड के राजाभीठा गांव के काली मंदिर में मां काली की प्रतिमा स्थापित कर लगातार 80 वर्षों से ग्रामीणों के द्वारा पूजा-अर्चना की जाती रही है. ग्राम प्रधान सोनमय मरांडी ने बताया कि मां की प्रतिमा स्थापित कर विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. काली पूजा के अवसर पर दो दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है. गांव के नवयुवक के द्वारा दो दिवसीय हिंदी एवं संथाली में नाटक का मंचन किया जायेगा. प्रत्येक वर्ष नवयुवक रंगमंच बनाकर दोनों भाषा का 2 दिन नाटक का मंचन करते हैं. नाटक देखने के लिए क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण पहुंचने हैं. आनंद उठते हैं. दो दिवसीय मेला में हजारों ग्रामीण पहुंचते हैं. मेला के निगरानी सीसीटीवी कैमरा से की जाती है. स्वयंसेवक सदस्य भी निगरानी करते हैं. पूजा-अर्चना में एवं मेला में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह का परेशानी नहीं हो. इसका पूरा ख्याल रखा जाता है. काली पूजा में आदिवासी व गैर आदिवासी समुदाय के लोग मिलजुल कर पूजा को संपन्न कराने में सहयोग करते हैं. सभी के सहयोग से पूजा धूमधाम की जाती है. 30 एवं 31 अक्तूबर को मेला का आयोजन होगा. 30 अक्तूबर को हिंदी भाषा में एवं 31 को संथाली भाषा में नाटक का मंचन होगा. एक नवंबर को मंदिर प्रांगण के पास ग्रामीण के द्वारा बकरे की बलि दी जायेगी. पूजा को लेकर युद्ध स्तर पर मंदिर का रंग-रोगन का कार्य किया जा रहा है. महुआरा गांव में काली पूजा की तैयारी जोरों पर ठाकुरगंगटी. प्रखंड क्षेत्र की चांदा पंचायत के अंतर्गत महुआरा गांव में काली पूजा की तैयारी जोरों पर है. गांव के ही परासी मोड़ भगैया मुख्य मार्ग के शिव मंदिर के खेल मैदान में युवाओं के द्वारा प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है. परासी मोड़ से महज दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित इस खेल मैदान में युवा पिछले छह वर्षों से प्रतिमा स्थापित कर वैष्णव विधि से पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. पूजा के साथ साथ भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है. आसपास इलाके के सैकड़ों गांवों से लोग बड़ी संख्या में आकर मैया का दर्शन कर चढ़ावा चढ़ाते है. इस खूबसूरत मैदान में मेले का मनोरंजन दृश्य देखने को मिलता है. कमेटी के अध्यक्ष बबलू कुमार मंडल, सचिव धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मोरडीहा गांव के संतोष कुमार पंडित के द्वारा प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है. गांव के पोद्दार टेंट हाउस के द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण कार्य कराया जायेगा. मेले की व्यापक तैयारी कर ली गयी है. पंडाल निर्माण कार्य के पूरा होते ही पूरे परिसर को भव्य तरीके से सजाने की तैयारी चल रही है. इसको लेकर बंगाल से फूल मंगाया जायेगा. मेले में आगंतुक लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. पूरे परिसर में आने वाले अन्य किस्म के दुकानदारों को लाइटिंग की सुविधा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है. बताया कि भव्य मेले के आयोजन को लेकर विशेष रूप से कमेटी के सदस्य के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की गयी है. निर्णय लिया गया है कि इस बार तारामंची, मौत का कुआं के साथ साथ अन्य खेलकूद को मंगाया जाये, जिससे मेले को वृहद रूप दिया जा सके.
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