आदिवासी महिलाओं से रोटी-बेटी और माटी छीन रहा रोहंगिया मुसलमान : आशा लकड़ा
आदिवासी समाज को परेशान कर रहा भू अर्जन विभाग, नहीं दे रहा मुआवजा
राष्ट्रीय एसटी आयोग की सदस्य आशा लकड़ा मंगलवार को गोड्डा पहुंचीं. इस दौरान समाहरणालय में पदाधिकारियाें के साथ बैठक कर किसान भवन परिसदन में प्रेस वार्ता किया. श्रीमती लकड़ा ने संताल परगना व खासकर गोड्डा के सुंदरपहाड़ी एवं बोआरीजोर प्रखंड में आदिवासी महिलाओं के साथ रोहंगिया द्वारा शादी कर उसकी डेमोग्राफी को प्रभावित करने की बात कही. बताया कि रोहंगिया यहां की रोटी-बेटी व बेटी-माटी को छीनने का काम कर रहा है. मामले को गंभीरता से नहीं ली जा रही है. आदिवासी से विवाह कर रोहंगिया उसके बच्चे को मुस्लिम बनाया जा रहा है. इसे देखने के लिए आयोग की टीम आयेगी. कहा कि 2004 में जब एसटी आयोग का गठन हुआ था तो पहली बार निरीक्षण कर आदिवासियों का हाल जान रही हैं. बताया कि यहां के अलावा साहेबगंज के बरहरवा में भी आदिवासियों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. आदिवासीयों का सारा जमीन को दान पत्री में लिखा लिया गया है. जहेर थान की जमीन पर श्मशान व कब्रिस्तान, तो कहीं गोचर जमीन पर मस्जिद बनाया जा रहा है. जिले के डीसी के खिलाफ आयोग को पत्र लिखने का काम किया जायेगा. श्रीमती लकड़ा ने कहा कि बैठक के दौरान जब शिक्षा पदाधिकारी से जिले के विद्यालयों की संख्या, शिक्षकों व छात्रों की संख्या, पढ़ने वाले एसटी छात्र-छात्राओं की संख्या के बारे में जानकारी मांगी गयी तो कुछ भी नहीं बताया गया. साथ ही स्वास्थ्य विभाग से एएनएम, जीएनएम, ओपीडी की व्यवस्था, स्वास्थ्य लाभ व प्रचार-प्रसार आदि के बारे में पूछे जाने पर भी उनके पास ना तो आंकड़ा और ना ही रिकॉर्ड दिखाया गया. बताया गया कि कस्तूरबा विद्यालय का भी हाल बुरा है. पूरी रिपोर्ट मांगी गयी है, ताकि उनकी बात सरकार तक पहुंचा सकें. इस दौरान श्रीमती लकड़ी ने गोड्डा कॉलेज के पुरुष एवं महिला कॉलेज आदिवासी कल्याण हॉस्टल के मामले को उठाते हुए कहा कि निरीक्षण के बाद उन्हें कई तरह की समस्याओं की जानकारी मिली है. छात्रों की संख्या ज्यादा है और व्यवस्था कमजोर है. बताया कि क्षमता से कई गुणा बच्चे रह रहे है. कल्याण विभाग को सप्ताह भर के अंदर छात्रावास में रसोइया, गैस चूल्हा, सप्ताह में दो बार सफाई एवं आरओ वाटर की व्यवस्था करने सहित सुरक्षा गार्ड भी मुस्तैद करने को कहा गया. श्रीमती लकड़ा ने महत्वपूर्ण मामले को उठाते हुए कहा कि जिला प्रशासन व भू अर्जन विभाग की ओर से आदिवासी समाज के लोगों को टारगेट कर परेशान किया जा रहा है. बताया कि पोड़ैयाहाट के हरियारी, भटोंधा, कठौन, पांडुबथान, संकरी फुलवार के साथ हंसडीहा के बारीडीह महेशकुतरों में अब तक आदिवासी रैयताें को भू अर्जन विभाग की ओर से एनएच का मुआवजा राशि नहीं मिल पाया है. मामले को लेकर आयोग सरकार के पास जायेगी. गोड्डा के जिला प्रशासन व भू अर्जन को सम्मन जारी करेगी.
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