बुद्ध जयंती सप्ताह को लेकर संतमत सत्संग का आयोजन
भगवान बुद्ध की जीवनी पर डाला गया प्रकाश
भगवान बुद्ध की जयंती सप्ताह को लेकर स्थानीय महर्षि मेंहीं ट्रस्ट में संतमत सत्संग का आयोजन किया गया. लोगों के बीच भगवान बुद्ध की जीवन पर प्रकाश डालते हुए बासुदेव बाबा ने कहा कि बुद्ध ने बीमार, वृद्ध तथा मृत व्यक्ति को देखा, तो उनके मन में वैराग्य आ गया. इसके बाद रात के वक्त ही अपने महल को छोड़कर ज्ञान की खोज में निकल पड़े. इस वक्त उनकी पत्नी यशोधरा व पुत्र सो रहा था. घर छोड़ने के पीछे उनका मकसद था कि जीवन नश्वर है, उसे तब तक शांति नहीं मिल सकती है जब तक ज्ञान की प्राप्ति नहीं होगी. वर्षो तक तपस्या के बाद उन्हें आखिरकार ज्ञान की प्राप्ति हुई. इससे वे जीवन मर्म को समझ सके. ज्ञान प्राप्ति के बाद जब घर वापस लौटे, तो पत्नी यशोधरा ने प्रश्न कर कहा कि जिस ज्ञान की प्राप्ति के लिए घर त्याग किये, क्या घर पर रहकर संभव नहीं था. इस पर बुद्ध का जवाब था कि उस वक्त उन्हें ज्ञान नहीं था. पत्नी के प्रश्न के जवाब में बताया कि इच्छा ही दुख का कारण है. इच्छा के नाश से साधना की पराकाष्ठा तक पहुंचा जा सकता है. इस दौरान प्रचारक ओमप्रकाश मंडल ने भी अपनी बातों को रखा. मौके पर जगदीश पंजियारा, सौदागर पंजियारा, मंत्री रामजीवन मंडल, रामजी प्रसाद साह, त्रिवेणी रामदास ने भी अपनी बातों को रखा.
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