Godda News: लाखों की मशीन जली, बाहर महंगी दर पर एक्सरे करा रहे मरीज

गोड्डा सदर अस्पताल में बदइंतजामी से इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2024 7:02 PM

प्रतिनिधि,गोड्डा

सदर अस्पताल में बदइंतजामी से इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में लाखों रुपये खर्च कर मंगायी गयी अत्याधुनिक डिजिटल एक्सरे मशीन जल गयी. यह मशीन, जो तकरीबन पांच-छह महीने पहले ही अस्पताल में स्थापित की गयी थी, अन्य सभी एक्सरे मशीनों से अधिक उन्नत और डिजिटल सुविधाओं से लैस थी. इस घटना का मुख्य कारण स्टेबलाइजर का अभाव बताया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन को कई बार स्टेबलाइजर की आवश्यकता के बारे में अवगत कराया गया था, क्योंकि अस्पताल में वोल्टेज की समस्या आम है. स्टेबलाइजर के अभाव में मशीन का एक हिस्सा जल गया, जिससे न केवल मरीजों को असुविधा हो रही है, बल्कि अस्पताल प्रबंधन भी कठिनाई का सामना कर रहा है. इस मशीन के जलने के कारण मरीजों को बाहर जाकर महंगे दामों पर एक्स-रे कराना पड़ेगा. जहां पहले हर प्रकार का एक्सरे 60-65 रुपये में हो जाता था, अब इसकी लागत कई गुना बढ़ जायेगी.

लाखों की मशीन फांक रही धूल

सदर अस्पताल में केवल डिजिटल एक्सरे मशीन ही नहीं, बल्कि हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम के लिए मंगायी गयी लाखों की मशीनें भी धूल फांक रही हैं. इन मशीनों का उद्देश्य रोगियों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी संग्रहीत करना और डॉक्टरों को उनकी मेडिकल हिस्ट्री से अवगत कराना था. परंतु ये मशीनें पिछले 7-8 महीनों से अनुपयोगी पड़ी हुई हैं.

तकनीकी उपकरणों का नहीं हो रहा सदुपयोग

सदर अस्पताल में लंबे समय से तकनीकी उपकरणों का सही उपयोग नहीं हो रहा है. करोड़ों रुपये की लागत से खरीदी गई सुविधाएं, जैसे अल्ट्रासाउंड मशीन, प्रशिक्षित स्टाफ के अभाव में उपयोग में नहीं आ रहीं. अल्ट्रासाउंड मशीन के संचालन के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति पिछले तीन-चार सालों से लंबित है. इसका सीधा खामियाजा गरीब मरीजों को उठाना पड़ता है, जो निजी लैब में जांच का खर्च वहन नहीं कर पाते.

प्रबंधन की लापरवाही से गरीब मरीजों की जेब पर बढ़ रहा बोझ

यह स्थिति स्पष्ट रूप से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाती है. यदि स्टेबलाइजर पर कुछ हजार रुपये खर्च किये जाते, तो लाखों की डिजिटल एक्सरे मशीन को बचाया जा सकता था. इसके अलावा, लंबे समय से अनुपयोगी पड़ी मशीनों को सक्रिय करने और तकनीकी उपकरणों के संचालन के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति करना अनिवार्य है. सदर अस्पताल में तकनीकी सुविधाओं की दुर्दशा और प्रबंधन की लापरवाही से न केवल मरीजों को असुविधा हो रही है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर भी प्रभावित हो रहा है. प्रबंधन को इन समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और अस्पताल का सिस्टम अधिक प्रभावी और कुशल बन सके.

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बदइंतजामी. सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल

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