हड़ताल पर गयी सेविका व सहायिकाएं, आंगनबाड़ी केंद्रों में लटके ताले

आठ सूत्री मांगों को लेकर गोड्डा में अशोक स्तंभ के पास दिया धरना

By Prabhat Khabar News Desk | October 6, 2024 12:01 PM

गोड्डा/महागामा. जिले के कुल 1792 आंगनबाड़ी केंद्रों पर शनिवार से ताले लटक गये हैं. हड़ताली सेविका सहायिका ने ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला जड दिया हैं. आंगनबाडी वर्कर कुल 8 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गये हैं. शनिवार को जिला मुख्यालय के अशोक स्तंभ पर आंगनबाड़ी वर्करों ने धरना दिया. प्रदर्शनकारी नेताओं ने बताया कि कुल आठ सूत्री मांगों को लेकर वे अनिश्चितकालीन हडताल पर चले गये हैं. इसमें सरकार के द्वारा मानदेय संबंधी वादाखिलाफी भी शामिल हैं. मालूम हो कि हड़ताल के पहले आंगनबाड़ी वर्करों के द्वारा चार दिन पहले जिला मुख्यालय व महागामा में मशाल जुलूस भी निकाला गया था. इसमें हड़ताल को लेकर प्रदर्शन किया था. शनिवार से सभी वर्कर हड़ताल पर चले गये हैं. हालांकि इसकी सूचना जिला समाज कल्याण कार्यालय को दी जा चुकी है. कर्मियों की हड़ताल से नौनिहालों की पढ़ाई ठप हो गयी है. पोषाहार योजना भी प्रभावित हुई है. इधर, महागामा प्रखंड क्षेत्र में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गयी. हड़ताल के पहले दिन क्षेत्र के 264 आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटके रहे. इस दौरान बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह ठप रही. इस दौरान आंगनबाड़ी सेविका सहायिका प्रखंड अध्यक्ष गुलशन आरा, कंचन देवी, प्रीति देवी, ललिता देवी ने कहा कि चुनाव के दौरान राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका सहायिका से जो वादा किया था, वह अब तक पूरा नहीं किया गया है, जिससे आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका में आक्रोश व्याप्त है. कहा कि मांगों को लेकर सीएम को पूर्व में मांग पत्र सौंपने पर सीएम द्वारा आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही मांगों पर विचार किया जायेगा. सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी है. 27 सितंबर की कैबिनेट बैठक में भी हमारी मांगों को दरकिनार किया गया है. जिससे आंगनबाड़ी सेविका सहायिका आक्रोशित होकर हड़ताल पर चली गयी है. सेविकाओं के 8 सूत्री मांगों में विभाग द्वारा जारी सेवा शर्त नियमावली के अधिसूचना में आंशिक संशोधन हेतु पूर्व में समर्पित आवेदन पर अभिलंब विचार करने, सेविकाओं को पारा शिक्षकों के समान वेतनमान के साथ सभी सुविधाओं की स्वीकृति देते हुए वार्षिक मानदेय वृद्धि की जटिलताओं को दूर करने, अनुकंपा के तहत आश्रितों को नौकरी दिए जाने सहित अन्य मांगे शामिल हैं.

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